अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन के लिए नैक मूल्यांकन कराए जाने पर विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चित प्रकोष्ठ द्वारा नैक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने बताया कि वर्तमान समय में शिक्षण संस्थानों को अपनी गुणवत्ता सिद्ध करने के लिए कुछ निश्चित मानकों को अपनाना होगा। नैक मूल्यांकन के मानकों के अनुरूप शिक्षण तकनीक भी अपनानी होगी। अभी तक देखा गया है कि शिक्षण संस्थानों की सफलता छात्रों की संख्या पर तय हो रही है परंतु अब नैक ने शिक्षण संस्थानों के मानकों में काफी कुछ परिवर्तन कर दिया है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि अब सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। अब संस्थानों को गुणवत्ता के साथ-साथ शोध कार्य, नेट की उपलब्धता, अपग्रेड लाइब्रेरी, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख विषयों को प्राथमिकता देनी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान नगरी क्षेत्रों की शिक्षण संस्थान के मानकों में एक समानता होनी आवयश्क है जिन संस्थानों ने अभी तक यह प्रक्रिया को नहीं अपनाया है। उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें। के नैक को अपनाना होगा। इसके लिए एक निश्चित मानकों के तहत सभी संस्थानों को आईटीसी आधारित डाटा तैयार करना होगा। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्थापित आइक्यूएसी एवं नैक सेल द्वारा द्वारा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को नैक कराने के संबंध में जो भी समस्याएं सामने आएंगी उनका इन सेल द्वारा त्वरित गति से निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न सेल को निर्देश भी दिया।
तकनीक सत्र को संबोधित करते हुए प्रति कुलपति प्रो0 एस एन शुक्ला ने बताया कि अब सभी शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। नैक मूल्यांकन के बिना शिक्षण संस्थानों को चलाना संभव नहीं है। विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्य से नैक मूल्यांकन को लेकर उनकी समस्याओं का साझा करते हुए निराकरण करने का आश्वासन भी दिया। तकनीकी सत्र में आईक्यूएसी के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ला ने बताया कि आईपीटीवी प्रबंधन के तहत कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश एवं मानकों को शिक्षण संस्थानों को अपनाना होगा। एक निश्चित समय अवधि में वांछित सूचनाएं अपलोड करनी होगी। नैक क्वालिटी इंडिकेटर फ्रेमवर्क तहत सभी शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जा रहा है। नैक आवेदन के लिए सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन उपलब्ध है। वांछित सूचनाओं को पोर्टल पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके लिए शिक्षण संस्थान अपने सभी रिकॉर्ड डिजिटली तैयार करने होंगे।
विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के समन्वयक प्रो0 फारुख जमाल ने बताया कि सभी शिक्षण संस्थानों को प्रत्येक क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता को अब सिद्ध करना होगा। तभी हम विश्वस्तरीय शिक्षा प्रतियोगिता का मुकाबला कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराए जाने के लिए जरूरी बताया है। इसी क्रम में कुलपति जी के निर्देशानुसार नैक जागरूकता कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यशाला के माध्यम से सभी शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करना है। एक निश्चित मानको के तहत सभी शिक्षण संस्थानों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिये एक प्लेटफॉर्म में लाना है। कार्यशाला का संचालन आइक्यूएसी के समन्वयक नरेश चौधरी ने कार्यशाला का संचालन करते हुए नैक मूल्यांकन के औचित्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि अप्रैल माह फिर अपग्रेड करने के लिए पुनः कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 80 महाविद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्य एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यशाला में मुख्य नियंता प्रो0 आरएन राय प्रो0 नीलम पाठक सहित आइक्यूएसी एवं विश्वविद्यालय नैक के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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