-100 युवा साधुओं को दी जाएगी नागा की उपाधि
अयोध्या। सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी का नागपन समारोह शुक्रवार से शुरू हुआ। तीन दिवसीय नागापन समारोह में 100 से ज्यादा नवयुवक साधुओं को नागा की उपाधि प्रदान की जाएगी। 12 वर्षों में एक बार सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में नागापना समारोह का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन नागा साधुओं को दीक्षा देने के लिए किया जाता है। इसमें 12 वर्ष तक जो बाल्यावस्था से हनुमानगढ़ी में साधु के रूप में सेवा करते हैं उनकी कड़ी परीक्षा के उपरांत नागा की उपाधि प्रदान की जाती है। इसीक्रम में शुक्रवार सुबह हनुमानगढ़ी से सागरिया व उज्जैनिया पट्टी के सैकड़ों साधुओं ने सरयू नदी के तट तक निशान यात्रा निकाली। नागा साधुओं ने सरयू नदी में निशान के साथ स्नान किया। इस यात्रा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास भी शामिल हुए। अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास 28 मार्च को चरण पादुका मंदिर में चयनित नागा साधुओं को दीक्षित भी करेंगे। संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास का कहना है कि 12 वर्षो तक साधुओं को शास्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी जाती है। 12 वर्षों की कड़ी परीक्षा के उपरांत साधु जब योग्य हो जाता है । तो नागापना समारोह में उसे नागा साधु की उपाधि प्रदान की जाती है। नागापना समारोह में नागा साधुओं को विपरीत स्थितियों में देश हित व हिंदुत्व के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र भी उठाने की अनुमति है।