-ध्रुपद गायन से हुआ यश विद्या मंदिर का प्रांगण गुंजायमान

अयोध्या। “संगीत भाषा की आत्मा है” इस बात की अनुभूति से जोड़ता है हमें यह कार्यक्रम SPIC MACAY (Society for the Promotion of Indian Classical Music And Culture Amongst Youth) इस कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति से जोड़ना है। ये कार्यक्रम न केवल संगीत के प्रति रुचि बढ़ाते हैं, बल्कि युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत को समझने और उसकी रक्षा करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। संस्कृति को सहेजने एवं उसको आगे बढ़ाने के लिए JBNSS संस्था के द्वारा हर वर्ष इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के बीच कराए जाते हैं जिससे हमारी भावी पीढ़ी भी इस संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ाने में निरंतर प्रयासरत रहे।
आज इसी कार्यक्रम की श्रृंखला में हमारे विद्यालय यश विद्या मंदिर में स्पीक मैके प्रोग्राम के तहत ध्रुपद गायक पंडित विनोद कुमार द्विवेदी और उनके साथ संगत पर राजकुमार झा एवं आलोक शुक्ला के द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम जल अभिषेक एवं दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया ।इस अवसर पर यश विद्या मंदिर विद्यालय प्राचार्य श्रीमती सरिता त्रिपाठी ,सीनियर कोऑर्डिनेटर गिरीश कुमार वैश्य , जूनियर कोऑर्डिनेटर प्रसून श्रीवास्तव एवं प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू श्रीवास्तव के साथ जेबीएस से बबीता पूरन और यश विद्या मंदिर से संगीत शिक्षिको सावन , नीलम और विकास के साथ विद्यालय के सभी गणमान्य शिक्षक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उद्भूघोषणा समूह प्रभारी के नेतृत्व में अंशिका पांडे ,महीप गुप्ता, मानवी गुप्ता एवं आस्था यादव के द्वारा उत्कृष्ट एवं ऊर्जावान प्रस्तुति से प्रारंभ की गई।आपके कार्यक्रमों की ख्याति अपने क्षेत्र, राज्य , राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिष्ठित है।
दिल्ली में हुए वंदे मातरम् कार्यक्रम में आपने धुपद गायन के तहत वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति दी ।जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के द्वारा भी आपके कार्यक्रम की प्रस्तुति की भूरि -भूरि प्रशंसा करते हुए तालियों के साथ आपका अभिवादन किया। आज के इस कार्यक्रम की शुरुआत में आपने बच्चों से अपने गायन शैली में प्रयोग होने वाले वाद्य यंत्रों से परिचय कराते हुए उसकी ध्वनि प्रयोग एवं नियम से परिचय कराते हुए किया।
तत्पश्चात आपने नाद एवं ध्वनियों को जोड़ते हुए राग भैरव के द्वारा बच्चों को जोड़ते हुए अपने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रारंभ किया । जिसमें अपने वाद्य यंत्रों के लिए समर्पित श्लोक का भावार्थ एवं उसकी प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम को गति प्रदान की । पखावज पर श्री राजकुमार झा ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुति दी पखावज की ध्वनी बच्चों को भाव विभोर कर रही थी तो वहीं पर प्रांगण में एक अलग वातावरण बना हुआ था ।जिसमें सभी उस ध्वनि एवं उस राग का आनंद लें रहे थे।
आपके गायन से प्रांगण का हर कोना जीवंत हो उठा साथ ही बच्चों ने भी इस कार्यक्रम की प्रस्तुति में शत-प्रतिशत सहयोग करते हुए गायन शैली का प्रयोग कर गीत को गाया।बच्चों के गायन ने अतिथि का मन जीत लिया । अतिथि ने विद्यालय की भूरि – भूरि प्रशंसा की और बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किए गए गायन- वादन शैली की सहयोग प्रस्तुति का तालियों के साथ आगामी जीवन में अपने लक्ष्य की सफलता के लिए आशीर्वचन देते हुए स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों को भी आपने अपने उत्तरो से अभिसिंचित किया । यही नहीं आपने अपने महत्वपूर्ण समय से समय निकालकर साक्षात्कार के द्वारा कक्षा अष्टम् ब के बच्चों की ” वार्षिक परियोजना ” “गंगा जमुनी लोकगीत ” के तहत बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों एवं लोकगीत के अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।