– ट्रस्ट को उम्मीद निधि समर्पण 3,000 करोड़ तक पहुंचेगी
अयोध्या। खरवास शुरू होने के पूर्व सोमवार को अनुष्ठान संपत करा लिया गया। इसके चलते 13 अप्रैल तक चलने वाले खरवास माह के दौरान मुहूर्त की बाधा खत्म हो गई है। अगले भाग 9 अप्रैल को चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि से कार्यदाई संस्था के इंजीनियर बुनियाद भराई का कार्य शुरू करेंगे। बुनियाद भलाई के लिए फील्ड मटेरियल को लेकर ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों के साथ औपचारिक वार्ता तो हुई है लेकिन अभी लिखित रूप से इसको फाइनल नहीं किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही विशेषज्ञ बुनियाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाले मटेरियल का पूरा खाका ट्रस्ट और निर्माण समिति को उपलब्ध करा देंगे। इसी के अनुरूप कार्यदाई संस्था के इंजीनियर बुनियाद की भराई का काम शुरू कराएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को जिस सतह पर भूमि पूजन किया था उससे 12 मीटर अर्थात 40 फीट नीचे समतल मिट्टी मिलने लगी है। विशेषज्ञों ने प्रस्तावित मंदिर निर्माण स्थल पर काफी नीचे तक मलवा होने की बात कही थी और कहा था कि जब समतल प्राकृतिक मिट्टी की सतह मिल जाए तभी बुनियाद का कार्य शुरू हो पाएगा। इस प्रकार के मिट्टी की सतह मिल गई है। बुनियाद भराई के लिए आईआईटी दिल्ली और गुवाहाटी के निदेशक चेन्नई और मुंबई के प्रोफेसर सीबीआरआई के निदेशक तथा टाटा कंसल्टेंसी और लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर ने मंथन किया है। नेशनल जिओ रिसर्च सेंटर हैदराबाद की तकनीकी टीम ने आठ -10 दिन परिसर में रुक कर अध्ययन किया था। इनके निष्कर्ष के मुताबिक नींव के सतह की मिट्टी लगभग 40 फीट पर हासिल हो गई है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने बुनियाद भरने के लिए मटेरियल को लेकर मौखिक चर्चा की है लेकिन अभी यह नहीं बताया है कि सीमेंट, राख, मिट्टी, गिट्टी, मोरंग आदि क्या और कितनी मात्रा में डाला जाएगा। जब लिखित में मिल जाएगा तो सभी को सूचित किया जाएगा।
निधि समर्पण अभियान के बाबत बोलते हुए उन्होंने कहा कि इतना बड़ा देशव्यापी अभियान शायद ही कभी चला हो। कार्यकर्ताओं ने एक एक घर और एक एक परिवार से संपर्क किया तथा समर्पण निधि हासिल की। अभी तक ट्रस्ट के पास स्पष्ट आंकड़ा नहीं आया है लेकिन जिस हिसाब से आंकड़े मिल रहे हैं उससे साफ है कि निधि समर्पण राज 3000 करोड़ का आंकड़ा पा रही है।