-दो दिवसीय कार्यशाला में वैज्ञानिकों का आह्वान, छात्रों में वैज्ञानिक चेतना का होना जरूरी
अयोध्या। कामता प्रसाद सुन्दरलाल साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या में रसायन विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के राजा जगदंबिका प्रताप नारायण सिंह सभागार में आयोजित द्विदिवसीय कार्यशाला के दूसरे और अंतिम दिन नई दिल्ली स्थित श्रीराम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ मुकुल दास ने बायोइनफॉर्मेटिक्स का महत्व इंगित करते हुए कहा कि इसकी सहायता से हजारों की संख्या में होने वाले प्रयोगों से बचते हुए केवल कुछ प्रयोगों से हम अंतिम निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं। जिससे अनुदान एजेंसियों का धन और वैज्ञानिकों का बहुमूल्य समय बच सकता है।
छात्रों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों में वैज्ञानिक चेतना का होना जरूरी है। अयोध्या के सन्दर्भ में सरयू में अर्पित किए जाने वाले फूलों से रंगों का निष्कर्षण किया जा सकता है। चढ़ने वाले प्रसाद के गुणवत्ता परीक्षण करके उसके गुणवत्ता को बनाए रखने की बात कही।
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से सेवानिवृत प्रो. राजीव गौर ने विद्यार्थियों को छोटे-छोटे समूह बनाकर और जिला प्रशासन से मदद लेकर पौधारोपण करने और उनके संरक्षण पर जोर दिया। प्रो. राजीव गौर का कहना था कि यदि ठोस कचरा प्रबन्धन, प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन, सीवेज उपचार के लिए प्रयोग होने वाले सूक्ष्म जीवियों को स्थानीय स्तर पर छात्रों के समूहों द्वारा संवर्धन करके वितरित किया जाए तो उसकी दक्षता बाजार में मिलने वाले सूक्ष्मजीवियों की तुलना में कहीं अधिक होती है।
इस कार्य में महाविद्यालय के छात्र अवध विश्वविद्यालय, आचार्य नरेंद्र देव विश्वविद्यालय, कुमारगंज से तकनीकी मदद ले सकते हैं और अयोध्या जिला प्रशासन से आर्थिक मदद भी ले सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की पूर्व सचिव पद्मभूषण प्रो. मंजू शर्मा ने विज्ञान को समाज से जोड़ने पर जोर देने को कहा। महाविद्यालय के मुख्य नियंता के प्रो. अशोक मिश्र ने रामचरितमानस का सस्वर पाठ कर सभी का मन मोह लिया।
व्याख्यानों के अन्त में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के प्रतिनिधि डॉ० संतोष शुक्ल ने अकादमी की तरफ से सभी आगंतुकों, प्राचार्य प्रो० अभय सिंह, समन्वयक प्रो०आशुतोष सिंह और छात्रों का को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्राचार्य प्रो०अभय कुमार सिंह ने वैज्ञानिकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित करते हुए धन्यवाद व्यापित किया।
इस द्विदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला में प्रो. अरुण कुमार पाण्डेय मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ. देवाशीष मोहंती, निदेशक नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली, प्रो. प्रतिभा जॉली, पूर्व प्राचार्य मिरांडा हाउस, नई दिल्ली, प्रो. अखिलेश त्यागी, दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. अलका शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार बायोटेक्नोलॉजी, प्रो. नीलम पाठक, अवध विश्विद्यालय, प्रो. अभिषेक सिंह, यूपी कॉलेज वाराणसी सहित महाविद्यालय के मुख्य निंयता प्रो. अशोक कुमार मिश्र, प्रो पवन कुमार सिंह, प्रो. फौज़दार यादव, प्रो. अशोक कुमार राय, प्रो आशुतोष त्रिपाठी, प्रो. प्रीति सिंह, प्रो. प्रतिभा सिंह, प्रो. वंदना जायसवाल, प्रो. कविता सिंह, डा मनीष कुमार सिंह, डॉ. अविनाश तिवारी, डॉ. अरुण कुमार डा पुनीता श्रीवास्तव, डा सोमवीर, डा अवधेश शुक्ला , डा. सतेन्द्र तिवारी, डा संदीप सहित अन्य गणमान्य प्राध्यापक-प्राध्यापिकायें उपस्थिति थे। कार्यक्रम का संचालन इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रो आशुतोष सिंह ने किया। अन्त में राष्ट्रगान के साथ इस द्विदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला का समापन हुआ।