पूजीवादी व सामंतवाद के खिलाफ संघर्ष ही सच्ची श्रद्धांजलि
अयोध्या। राजबली यादव स्मारक पब्लिक स्कूल मड़ना में स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व विधायक कामरेड राजबली यादव की 20वींपुण्यतिथि कोविड- 19 का पालन करते हुए मनाई गई। अतिथियों द्वारा सेनानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद संपन्न गोष्ठी की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष लड्डू लाल यादव तथा संचालन शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय पवन ने कहा कि मौजूद सरकारों के स्वंतत्रता आंदोलन के मूल्यों को तहस नहस कर दिया है। देश की मूल भूल समस्याओं से ध्यान बटाने के लिए प्रति दिन नये तमाशे दिखाए जा रहे हैं। देशवासियों को जरुरतों को सरकार पूरा करने में नाकाम है। पूर्व मंत्री आनन्द सेन यादव ने कहा कि पूजीवादी और सामंतवाद के खिलाफ संघर्ष ही उनकों सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संचालन संबोधन में भाकपा नेता सूर्य कांत पाण्डेय ने स्वतंत्रता सेनानी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शहीदों के अरमानों को मंजिल तक पहुचाने का संकल्प ही उनकों सच्ची श्रद्धांजलि है। संस्था के अध्यक्ष लड्डू लाल यादव ने स्वागत भाषण में कोरोना काल की छात्रों की फीस और परिवहन खर्च माफ़ करने की घोषणा किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्था के प्रबंध निदेशक रवि यादव ने किया। गोष्ठी को संबोधित करने वालों में राष्ट्रीय छात्र नेता राहुल सिंह, पूर्व प्रमुख राम अचल यादव, स्वामी नाथ वर्मा, पूर्व उप प्रमुख रमाकांत यादव, रक्षा राम यादव, शमशेर यादव, जिया लाल यादव, तर जीत गौड़, पप्पू यादव, संजय यादव, हरेन्द्र यादव, अंगद यादव, राम लखन यादव, आर जे यादव, डा. अवधेश यादव सहित दर्जनों लोग थे। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व विधायक राजबली यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर सपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण भी किया। कार्यक्रम में मौजूद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने कहा कि राजबली यादव एक ऐसी शख्सियत थे जो गुलामी के दौर में अंग्रेजों से और आजादी के बाद सामंत वादियों से लड़ते रहे। उन्होंने कहा कि राजबली यादव ने अंतिम सांस भी उस दिन लिया जिस दिन अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया गया था । इस मौके पर छोटे लाल यादव, बाबूराम गौड़,पारसनाथ यादव, संजय यादव, गौरव पांडे, ईश्वर लाल वर्मा आदि मौजूद थे।