फीस ना दे पाने के कारण बच्चे को शिक्षा से वंचित किया जाना संविधान की अवमानना
अयोध्या। करणी सेना की प्रदेश अध्यक्ष महिला शक्ति श्वेता राज सिंह अपनी शिकायत लेकर के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष गई थी जहां पर उन्होने यह बताया की अधिवक्ता होने के कारण पूरे लॉकडाउन में उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला है जिससे वह बच्चों की फीस जमा करने में असक्षम रही है जिस कारणवश उनके बच्चे का नाम स्कूल से काट दिया गया है, और उसे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रखा गया है श्वेता राज सिंह ने डीएम को बताया कि उनको स्कूल के मैनेजमेंट की तरफ से धमकी भरे फोन आए कि यदि उन्होंने फीस नहीं जमा किया तो उनके बच्चों का नाम काट करके ऑनलाइन टीसी भेज दी जाएगी जिस पर श्वेता राज सिंह ने निवेदन भी किया मैनेजमेंट से कि अभी वह फीस देने में असक्षम है तो उनके ऊपर दबाव न डाला जाए इसके बावजूद मैनेजमेंट ने उनके बच्चे का नाम काट दिया उनका बच्चा जिंगल बेल स्कूल में पढ़ता है और इसी संदर्भ में कई संगठनों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा जिसमें फीस माफी मोर्चा मोर्चा के संयोजक अध्यक्ष नवाब सिंह, करणी सेना, भारत के सनी सिंह जनसत्ता पार्टी से जिला अध्यक्ष जेडी सिंह, जनवादी से सत्यभान सिंह व फैज़ाबाद बार एसोसिएशन से पूर्व मंत्री सूर्य नारायण सिंह, लाल गुप्ता और कप्तान सिंह थे। ज्ञापन 3 माह की फीस माफी के लिये दिया गया जिसमें यह कहा गया शिक्षा 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चे का संवैधानिक अधिकार है, यदि फीस ना दे पाने के कारण बच्चे को शिक्षा से वंचित किया जाए तो ये संविधान की अवमानना है।