शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर मुलायम सिंह यादव शिक्षक सम्मान समारोह का होगा आयोजन
अयोध्या। सपा पार्टी कार्यालय लोहिया भवन पर समाजवादी शिक्षक सभा की एक आवश्यक बैठक जिलाध्यक्ष दान बहादुर सिंह की अध्यक्षता एवं डाॅ. घनश्याम यादव के संचालन में सम्पन्न हुई जिसमें आगामी 4 सितम्बर शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले मुलायम सिंह यादव शिक्षक सम्मान समारोह 2018-19 के लिए गठित चयन समिति के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। चयन समिति के सदस्यों ने कहा कि शिक्षकों के बायोडाटा अभी आ रहे हैं इसलिए चयन समिति 5 शिक्षकों का चयन कर 20 अगस्त के पश्चात अपनी रिपोर्ट देगी। अब तक जो बायोडाटा आयें हैं उनकी सूची बना ली गयी है। विगत वर्षों में आये हुए बायोडाटा भी सुरक्षित हैं उनमें से और नये उपलब्ध बायोडाटा में से मिलाकर विगत वर्षों की तरह चयन कर जिलाध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी इसके पश्चात 5 नामों की घोषणा जिन शिक्षकों को मुलायम सिंह यादव शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया जायेगा कि घोषणा प्रेस के माध्यम से की जायेगी। जिसको सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की घोषणा सम्मान संस्थापक पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय पवन की सहमति लेकर की जायेगी। 4 सितम्बर को मुलायम सिंह यादव शिक्षक सम्मान एवं शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी का 8वां आयोजन समय 2 बजे से प्रारम्भ होगा। 9 अगस्त क्रांति दिवस पर पार्टी द्वारा आयोजित सत्याग्रह में ड्यूटी आवर्स के पश्चात शिक्षक सभा शामिल होगी क्योंकि समाजवादी शिक्षक सभा का नारा रहा है पहले पढ़ाई फिर लड़ाई’ अपना कर्तव्य निभाने की प्रेरणा पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिलती है। जिलाध्यक्ष दानबहादुर सिंह ने समारोह में विभिन्न मतों के शिक्षक प्रतिभाग करते हैं लेकिन नेता जी के नाम पर सभी एकमत रहते हंै। उन्हांेने शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए बहुत काम किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इसी तरह हमेशा शिक्षकों/कर्मचारियों का सम्मान किये हैं। वर्तमान समय मंे शिक्षकों/कर्मचारियों में हमेशा घबराहट बनी रहती है कि नई पेंशन मिली नहीं पुरानी पर भी आघात करने की कोशिश हो रही है। बैठक का संचालन महासचिव डाॅ0 घनश्याम यादव ने किया तथा बैठक में रामचन्द्र वर्मा, अक्षतेश्वर दूबे, मास्टर खलीक अहमद खां, मृत्युन्जय सिंह, सन्त प्रसाद मिश्र, राम कैलाश यादव, प्रभाकर सिंह, मुनिराम यादव, अशोक कुमार साहनी, लालचन्द्र यादव, आनन्द कुमार शुक्ला, जय प्रकाश चैरसिया, रमेश कुमार सिंह आदि ने अपने विचार रखे।