शिकायत पर कैंट पुलिस ने नहीं सुनी पीड़िता की फरियाद, एसीजेएम प्रथम की अदालत में दाखिल हुआ परिवाद
शहर के प्रतिष्ठित ऑटो शोरूम से जुड़ा है मामला
अयोध्या। शहर के एक प्रतिष्ठित ऑटो शोरूम में काम करने वाली युवती के साथ मीटिंग के बहाने ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत पर कैंट थाना पुलिस ने न तो पीड़िता की फरियाद सुनी और न ही रिपोर्ट दर्ज की। मजबूरन पीड़िता ने अदालत का सहारा लिया है। एसीजेएम प्रथम की अदालत में आरोपियों के खिलाफ परिवाद दाखिल किया है। आरोप प्रतिष्ठान के जीएम,एमडी,निदेशक और व्यवस्थापक पर है। अदालत ने पीड़िता को बयान दर्ज करने के लिए 26 तारीख को बुलावा भेजा है।
पूराकलंदर थाना क्षेत्र निवासी एक गरीब परिवार की युवती ने रोजगार हासिल करने के लिए लखनऊ गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे कैंट थाना क्षेत्र स्थित मारुति इस्मार्ट व्हील्स प्रतिष्ठान में संपर्क किया। यूवती का कहना है कि काफी मिन्नतें करने और परिवार की आर्थिक हालत का हवाला देने के बाद प्रतिष्ठान में उसको काम पर रख लिया गया। उसकी आर्थिक मजबूरी का फायदा उठाकर प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने उसका शारीरिक शोषण किया। शारीरिक शोषण कराने से इंकार करने पर नौकरी से निकाल दिया।
बहाना बना-बना कर ले गए बाहर
पीड़ित पूराकलंदर थाना क्षेत्र निवासी युवती का कहना है कि ऑटो शोरूम के अधिकारी और अन्य उसे कोई न कोई बहाना बनाकर बाहर ले गए और उसका शारीरिक शोषण किया। पीड़िता का आरोप है कि प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक मैनेजिंग डायरेक्टर निदेशक और व्यवस्थापक उसको कंपनी के काम का वास्ता देकर गोरखपुर ले गए। गोरखपुर ले जाकर सभी ने उसके साथ बारी बारी दुराचार किया। इतना ही नहीं एक बार उसको घुमाने के बहाने कैंट थाना क्षेत्र स्थित गुप्तार घाट ले गए हो वहां पर भी उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। आर्थिक मजबूरी के चलते वह अपने साथ हो रहे हैं शारीरिक शोषण का बलपूर्वक प्रतिकार नहीं कर पाई।
एक अधिकारी के पास भेज रहे थे लखनऊ
पीड़ित युवती का कहना है कि शोरूम के कर्ता-धर्ता और अधिकारी उसका शारीरिक शोषण कर रहे थे लेकिन अपनी परिस्थितियों के चलते व मजबूर थी। हद तो तब हो गई जब प्रतिष्ठान के संचालकों ने उसको अपना काम निकालने का जरिया बनाने की साजिश शुरू कर दी। इसी साजिश के तहत उस पर कंपनी के एक अधिकारी की सेवा में लखनऊ जाने का दबाव बनाया गया। उसने ऐसा कर पाने से इंकार कर दिया तो उसको नौकरी से ही निकाल दिया गया।
वीरता के अधिवक्ता अरविंद पांडे ने बताया कि कैंट पुलिस की ओर से मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के चलते अदालत से गुहार की गई है। मारुति स्मार्ट व्हील्स के महाप्रबंधक श्रीधर द्विवेदी, प्रबंध निदेशक विक्रम सरार्फ, निदेशक काशी प्रसाद पोद्दार और व्यवस्थापक संजय पाठक के खिलाफ एसीजेएम प्रथम प्रज्ञा सिंह की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया है। अदालत में 26 मार्च को पीड़िता को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है।