आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का मना 43वां स्थापना दिवस
कुमारगंज। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज का 43वाँ स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ मंगला राय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित व ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक व अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान मनीला के वैज्ञानिक डॉ यू एस सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर व आचार्य नरेंद्र देव के व माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ मंगला राय ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय के पुराने वैज्ञानिकों द्वारा किये गए उत्कृष्ट शोध कार्यों की याद दिलाते हुए बनाये गए रास्ते पर वर्तमान पीढ़ी को मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दिया। देश के प्रमुख कृषिनीति नियंता रहे डॉ मंगला राय ने कहा कि भारतीय कृषि में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ राम कठिन सिंह, डॉ डी एम मौर्य तथा डॉ राम कृपाल पाठक के योगदान को सदैव याद रख जाएगा। डॉ राय ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण शिक्षण संस्थाओं से उनकी कक्षा व उनके शिक्षक से होता है,परन्तु आज बहुमत भौतिकता को समृद्ध करने वाली शिक्षा के प्रति आकर्षित हो चुके हैं इसीलिए अनेक क्षेत्रों में उत्कृष्टता व विशेषता का अभाव नजर आने लगा है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी विकास,नीति निर्धारण,संरचनागत सुविधाओं तथा बाजार विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजार सृजन तथा उत्पादक को उचित मूल्य दिलाना होगा अन्यथा उपभोक्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। डॉ राय ने बदलती जलवायु परिस्थितियों के औरुप फसलों के विकास, प्राकृतिक संसाधनों के निरन्तर चरन,कृषि जोट की भूमि का लगातार घटना तथा नए नए कीटों व बीमारियों जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए नई तकनीकों, नए यंत्र एवं प्रौद्योगिकी को विकसित करने पर जोर दिया। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के साथ साथ विश्वविद्यासली को देश के प्रमुख संस्थानों में शामिल किए जाने हेतु अपनी प्राथमिकताओं व कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। स्थापना दिवस कार्यक्रम को कुलपति मनोज दीक्षित ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए जनपद के दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा एक संयुक्त कार्ययोजना बना कर कार्य करने का आह्वान किया। प्रो दीक्षित ने स्वास्थ्यप्रद कृषि उत्पादन के साथ साथ किसानों की आय वृद्धि के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। ख्यातिलब्ध बैज्ञानिक डॉ यू एस सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा धान अनुसंधान के छेत्र में किये गए कार्यों की सराहना करते हुए पोषणयुक्त आलू प्रजाति के विकास के लिए विश्वविद्यालय को अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक डॉ ए पी राव ने किया। अतिथियों ने सबसे पहले नरेंद्र उद्यान पर आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें शृद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संवर्गों से चयनित व बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें प्रसार निदेशालय के कार्यालय अधीक्षक सुरेश प्रताप सिंह,प्रसाशनिक अधिकारी करली के रमाकांत तिवारी,प्रक्षेत्र प्रबन्धक डॉ मनोज कुमार सिंह,उद्यान प्रक्षेत्र प्रबन्धक देवेश सिंह, लेखाकार मनीष कुमार पांडेय,प्रयोगशाला सहायक पंकज कुमार,कार्यालय लिपिक शबनम रिजवी व ओम प्रकाश,वाहन चालक नियाज खान तथा स्वछता कर्मी राम सुंदर के नाम शामिल हैं। इसी भानी स्वच्छता अभियान में प्रथम स्थान के लिए यमुना छात्रावास को तथा द्वतीय स्थान के लिए सरयू छत्रावस को सम्मानित किया गया।