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हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पाण्डेय किये गये नजरबंद

कारसेवकों के पीड़ित परिवारो की बदहाल दशा को सुधारने के लिए दिया ज्ञापन

अयोध्या। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय को घर में ही किया गया नजरबंद पीड़ित कारसेवकों के परिवारों की बदहाल स्थिति को संभालने संबंधी ज्ञापन को भी उनके आवास पर ही लिया गया जिसे लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख के माध्यम से मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौंपा गया श्री पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि एक बार फिर से यह अवगत कराना है कि 1990 की कार सेवा में हुए गोलीकांड की वजह से अनेक कार सेवक बलिदान हो गए थे 29 वर्ष बीत जाने के उपरांत अभी दुर्भाग्यवश इन कारसेवकों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया इन 29 वर्षों में न्याय की आस लिए इन पीड़ित परिवारों की आंखें पथरा गई पर न्याय आज तक नहीं मिल पाया कारसेवकों के नाम पर नारे तो खूब उछाले गए बड़ी-बड़ी और घोषणाएं हुई ,उनका भाषणो में नाम ले लेकर लोग विधायक बने सांसद बने, किंतु कभी मुड़कर उन परिवारों की ओर देखने का समय उनके पास नहीं था आप सोच सकते हैं महाराज श्री जब परिवार का मुखिया ही चला जाए तो घर की हालत कैसी हो जाती है, ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि महोदय मेरी जानकारी के अनुसार जनपद अयोध्या में आज भी 4 परिवार ऐसे हैं जो पूरी तरह से बदहाल स्थिति में अपना जीवन गुजारने को मजबूर है पहला परिवार है, वासुदेव गुप्ता का परिवार, तुलसीदास जी की छावनी के निकट नया घाट अयोध्या, परिवार में वासुदेव गुप्ता जी का एक लड़का और एक लड़की ही बचे हैं कपड़े की एक दुकान है किसी तरह खर्चा चल जाता है जीवन की आपाधापी और परिवार संभालने की जिम्मेदारी के चलते उस परिवार की लड़की ने आज तक शादी नहीं की, किसी तरह भाई-बहन अपना जीवन की नैया पार करने में लगे हुए हैं दूसरा परिवार रमेश पांडेय का है रमेश पांडेय रानी बाजार चौराहा अयोध्या ) परिवार के मुख्य मुखिया थे, उनके जाने के बाद उनकी परवरिश किस गरीबी हालात में हुई इसे आप अच्छी तरह समझ सकते हैं लड़के बड़े हो चुके हैं किसी तरह छोटी मोटी प्राइवेट नौकरी करके अपना गुजारा कर रहे हैं तीसरा परिवार राजेंद्र धारकर जी (धर्म कांटा टेढ़ी बाजार अयोध्या )का है उनका परिवार टोकरिया बनाने का काम करता है आप समझ सकते हैं कि पूरे परिवार का खर्चा भला टोकरिया बनाने से कैसे चल सकता है, पिछली बार से वहां गया था तो उनकी पिता जी जिंदा थे किंतु कल जब मैं गया जानकारी हुई कि उनके पिताजी का देहांत हो गया है लड़के ने रोते हुऐ कहा कि भैया जब पिताजी का देहांत हुआ था तो मेरे जिनमें मात्र घ्100 थे किसी तरह उधारी लेकर मैंने पिताजी का दाह संस्कार किया परिवार को चलाने के लिए घर भी गिरवी रख दिया है बच्चों की शिक्षा दीक्षा नहीं हो पाई महाराज श्री घर में ना बिजली है ना शौचालय है किसी तरह गुजारा चलता है अगर आप एक बार अपना प्रोटोकॉल तोड़कर यहां आकर इस परिवार को देख लेंगे तो आपको स्थिति का खुद ही पता चल जाएगा चौथा परिवार राम अचल गुप्ता जी राम अचल नगर (शुजागंज) रुदौली अयोध्या है जो कि अपनी बहुत ज्यादा अच्छी स्थिति में नहीं है ज्ञापन में यह भी कहा गया कि महाराज मुझे अच्छी तरह याद है जब आप सांसद हुआ करते थे तो घटनाओं को उत्पीड़न को कार्यकर्ताओं के दुख सुख में आप एक आवाज पर अपने प्रोटोकॉल को तोड़कर वहां पहुंच जाया करते थे किंतु जब से आप मुख्यमंत्री हो गए हैं इसमें बेहद कमी आ गई है और घटनाओं की जानकारी आपको नहीं हो पाती अधिकारियों के भरोसे बैठे हुए हैं ऐसे में अधिकारी आपको सही जानकारी नहीं दे पाते यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, विनम्र निवेदन है महाराज श्री, एक बार वही सांसद वाला रूप दिखाते हुए कुछ समय के लिए अपने प्रोटोकॉल से बाहर निकलते हुए इन चारों पीड़ित परिवारों से व्यक्तिगत आकर मिले और इन्हें जो भी जीवन की बुनियादी सुविधाएं हैं वह उपलब्ध करवा दें।ं श्री पांडेय ने आगे कहा है कि मन में एक विचार उत्पन्न हुआ तो सोचा को लगे हाथों यह भी शेयर कर लूं, विचार यह है कि मैं यह मानता हूं कि गौरक्षा पीठ का हिंदू महासभा पर वरदहस्त हमेशा से रहा है उसी दृष्टिकोण से मैं यह भी मानता हूं कि हिंदू महासभा को यह अधिकार है कि वह अपनी बातें आपके समक्ष रखे ओर आप भी उन्हीं खुले दिलों से उन बातों पर अमल करें महंत दिग्विजय नाथ महाराज से लेकर महान्त अवेध नाथ जी महाराज तक और कालांतर में आपके द्वारा भी हिंदू महासभा के लिए विशेष प्रेम व अपनत्व की भावना थी, और आपने हिंदू महासभा के लिए बहुत अधिक सहयोग किया समर्थन किया किंतु बीच में कुछ वैचारिक मतभेद होने के कारण निश्चित रूप से दूरियां बढ़ी, किंतु महाराज सत्य यह भी है कि जो हिंदू महासभा के मूल विचार और सिद्धांत आपके और हम सभी के बीच में थे वह निरंतर रूप से तब भी प्रगाढ़ थे आज ही भी प्रगाढ है, उसी प्रगाढ़ता उसी आत्मीयता और उसी वरदहस्त की भावना, और अधिकार के तहत हिंदू महासभा के पूर्वजों को मैं नमन करते हुए यह आशा करता हूं कि आप इस विषय को व्यक्तिगत रूप से बिना किसी भेदभाव के कार सेवा में बलिदान हुए पीड़ित परिवारों के साथ पूरा न्याय करेंगे , पिछले कई वर्षों से मेरे द्वारा शासन प्रशासन में कारसेवकों के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलवाने हेतु ज्ञापन दिए गए लेटर भेजे गए व्यक्तिगत रूप से तथा मीडिया के माध्यम से भी यह बातें उठाई गई किंतु आज तक किसी ने इसे गंभीरता पूर्वक नहीं लिया, ऐसे में यह लगता है कि अब आपके द्वारा ही न्याय संभव होगा। दीपोत्सव पर इस बार 133 करोड़ रुपए का खर्चा हो रहा है, क्या फायदा होगा हम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में तो आ जाएंगे अयोध्या तो रोशन हो जाएगी किंतु पीड़ित परिवारों के घर में अंधेरा था, है, और हमेशा ही बना रहेगा इन कारसेवकों के पीड़ित परिवारों के जीवन में अंधेरे को दूर करने का कार्य सिर्फ आपसे ही संभव होगा ऐसा मेरा मानना है, आपसे न्याय की आशा में कारसेवकों को का पीड़ित परिवार एवं समस्त हिंदू समाज हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडे के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख रूप से महान्त रूम रामलोचन शरण शास्त्री राजन बाबा, प्रदेश उपाध्यक्ष हिंदू महासभा महंत नारायण दास जी महाराज विधि पूजन पांडे जिलाध्यक्ष प्रवीण सनाढ्य जिला उपाध्यक्ष तथा चंद्रहास दीक्षित जिला उपाध्यक्ष आदि भी शामिल रहे।

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