-अभियुक्त पर बीस हजार रूपया जुर्माना भी, 50 प्रतिशत धनराशि पीड़ित को दी जायेगी
अयोध्या। वर्ष 2020 को महाराजगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में नित्यक्रिया के लिए खेत में गयी 16 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषसिद्ध पाक्सों अभियुक्त महेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। साथ ही 20 साल की अतिरिक्त सजा के पश्चात 20 हजार रूपये जुर्माना लगाया गया है जुर्माने की 50 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दिया जायेगा।
बुधवार को यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पाक्सो द्वितीय) नूरी अंसार ने वीडियो कांफें्रसिंग के जरिये सुनाया है। इस दौरान दोष सिद्ध पाक्सों अभियुक्त मण्डल कारागार में निरूद्ध रहा। वहीं न्यायाधीश ने दूसरे अभियुक्त विशाल सिंह पर अपराध साबित न होने पर बरी कर दिया गया।
यह घटना अयोध्या जनपद के महराजगंज थाना अन्तर्गत एक गांव का चार साल पूर्व का है। वादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता सईद खान ने अभियुक्त को सजा दिलाने में जोरदार पैरवी किया जबकि बरी हुए दूसरे अभियुक्त विशाल सिंह के पक्ष में बचाव पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप सिंह ने पैरवी किया था।
अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक आशीष द्विवेदी व कालिका प्रसाद सिंह ने बताया कि 15 नवम्बर 2020 को वादी मुकदमा की भतीजी नित्यक्रिया के लिए 1 बजे खेत में गयी थी। तीन घंटे तक वापस न आने पर उसके बड़े भाई व गांव के लोग उसे ढूंढते हुए खेत की तरफ गये तो देखा कि किशोरी बेहोश पड़ी थी। उसे उठाकर इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूराबाजार ले जाया गया हालत गम्भीर होने पर उसे डाक्टरों ने महिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां उसकी इलाज व डाक्टरी हुई होश में आने पर उसने अपने पिता व चाचा को बताया कि जब वह नित्यक्रिया के लिए गयी थी तो महेन्द्र सिंह पुत्र विजय सिंह व विशाल सिंह पुत्र कमला सिंह आये और उसके साथ जबरदस्ती करते हुए गलत काम किया। घटना की रिपोर्ट उसके चाचा की तहरीर पर थाना महाराजगंज में महेन्द्र सिंह व विशाल सिंह के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
मामले में आरोप पत्र आने के पश्चात न्यायालय में आधा दर्जन गवाह पेश किये गये पीड़िता व अन्य गवाहों के बयान के आधार पर न्यायालय ने मुख्य पाक्सो अभियुक्त महेन्द्र सिंह पर दोष सिद्ध किया गया। बुधवार को मुख्य अभियुक्त को एससी/एसटी की धारा 3/2/5 के अर्न्तगत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। साथ ही पाक्सो एक्ट में 20 साल की सजा दी गयी। अभियुक्त पर 20 हजार रूपया जुर्माना भी किया गया।
जुर्माने की 50 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जायेगी। अभियोजन पक्ष से वादी के अधिवक्ता सईद खान ने पैरवी किया गया वहीं बरी हुए दूसरे आरोपित विशाल सिंह के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप सिंह ने पैरवी किया।