कुपोषित बच्चों को मिला पोषण पुनर्वास केंद्र का वरदान

by Next Khabar Team
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-अभियान के दौरान मिले संभावित 59 टीबी रोगी, 26 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में कराया गया भर्ती

अयोध्या। संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा । अभियान के दौरान संभावित टीबी रोगी 57 और 47 कुपोषित बच्चे मिले जिनमें से 26 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया स अभियान में पंचायती राज विभाग, नगर विकास विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, द्वारा सहयोग किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ने बताया कि ज़िले में 7 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया गया । इस दौरान संभावित टीबी रोगी 57 मलेरिया रोगी के शून्य और 47 कुपोषित बच्चे मिले जिनमें से 26 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया स उन्होंने बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 5 बेड और जिला चिकित्सालय में 30 बेड डेंगू के लिए आरक्षित हैं.

अगर कोई भी व्यक्ति डेंगू से पीड़ित आता है तो उसको तुरंत भर्ती कर इलाज शुरु कर दिया जायेगा ऐसे दिशा निर्देश सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को दिया जा चुका है । साथ ही सभी जगह पर डेंगू की प्रारंभिक जांच के लिए किट भी उपलब्ध हैं। सीएमओ ने बताया कि आजकल विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है। इसी क्रम 7 अक्टूबर से शुरू हुआ दस्तक अभियान 21 अक्टूबर को समाप्त हो गया है स इस दौरान आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के साथ ही संचारी रोगों से खुद और अपने परिवार और समाज को किस प्रकार सुरक्षित रखना है जानकारी भी दी।

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सीएमओ ने बताया कि मादा एडीज या डेंगू के मच्छर के काटने के तीन से 5 दिनों के बाद बुखार आदि लक्षण दिखने लगते हैं। सिरदर्द, आंख दर्द, उल्टी, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। गंभीर अवस्था में पेट दर्द, तेज़ सांस. मसूड़ों में खून या ख़ून की उल्टी जैसी समस्या हो सकती हैप् डेंगू का पता लगाने के लिए एलाईज़ा टेस्ट कराएं स खूब पानी और ओआरएस पिएं। लिक्विड डाइट जैसे खिचड़ी व दलिया पर खास ध्यान दें। सूप, काढ़ा, नारियल पानी और अनार आदि का सेवन करें। उन्होंने बताया कि बीमारी से बचने के लिए जल जमाव कतई नहीं होने दें। कूलर के पानी का रोज बदलें और फ्रिज के पानी को हफ्ते में एक बार अवश्य निकाल लें या डिफ्रीज कर दें।

पानी की टंकी ढक कर रखें। खिड़कियों और दरवाज़ों में जाली लगवाएं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी या स्प्रे आदि का प्रयोग करें। एक्वेरियम और फूलदान आदि में हर हफ्ते पानी बदलें। डीएमओ मंजुला आनंद ने बताया कि संचारी रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि हम अपने घरों के आस पास, घरों के अंदर और छतों पर पानी इक्ट्ठा ना होने दें और समय समय पर यह जरूर देखें कि कही पानी इकठ्ठा तो नही हो रहा है। ऐसी स्थिति में तुरन्त पानी हटा दें साथ ही यदि पानी निकासी में कोई समस्या आ रही है तो उस पानी पर मिट्टी के तेल या जले हुए मोबिल का छिड़काव कर दें साथ ही नीम के पत्ती का धुंआ करे।

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उन्होंने ने बताया कि डेंगू का मच्छर अन्य से अलग होता है। इसके शरीर पर काली एवं सफेद रंग की पट्टियां पाई जाती हैं। इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू रोग एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। मानसूनी बारिश के साथ डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम होता है। इसके तहत वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू / चिकनगुनिया एवं दिमागी बुखार की रोकथाम के साथ ही अन्य संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डेंगू के मच्छर साफ-सुथरे पानी में पनपते हैं इसलिए पानी को जमा न होने दें।

 

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