”अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखायेंगे अपनी भागीदारी”
अयोध्या। परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य महकमा लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा जो दो चरणों में चलेगा। प्रथम चरण 21 से 27 नवंबर व द्वितीय चरण 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक होगा। यह पखवाड़ा ”अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखायेंगे अपनी भागीदारी” थीम के साथ मनाया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अजय राजा ने बताया कि मातृत्व स्वास्थ्य और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । परिवार नियोजन सेवाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने और समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे की अहमियत समझाने की हरसम्भव कोशिश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनवरत की जा रही है। यह तभी फलीभूत हो सकता है जब पुरुष भी खुले मन से परिवार नियोजन साधनों को अपनाने को आगे आयें और उस मानसिकता को तिलांजलि दे दें कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह भ्रान्ति है कि पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी आती है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण / आरसीएच डॉ0 आरके सक्सेना ने बताया कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है। इसलिए दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के लिए और जब तक बच्चा न चाहें तब तक पुरुष अस्थायी साधन कंडोम को अपना सकते हैं। वहीँ परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को भी अपनाकर अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं । उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया जायेगा । प्रथम चरण में एएनएम. व आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर पुरुष वर्ग को दंपत्तियों को परिवार नियोजन साधनों व पुरुष वर्ग को नसबंदी के बारे में जागरूक कर उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। इसके साथ ही उन पुरुषों के नाम दर्ज करेगी । जो कि नसबंदी के लिए इच्छुक है।
द्वितीय चरण में सेवा प्रदायगी चरण आयोजित होगा। इस दौरान चिन्हित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर क्रियाशील आपरेशन थियेटर हो, स्वास्थ्य कर्मी केन्द्रों पर आने वाले योग्य दंपति को इच्छित गर्भ निरोधक साधन व सेवा उपलब्ध करायेगी। उन्होंने बताया कि महिला नसबंदी के अपेक्षा पुरुष नसबंदी अधिक सुरक्षित और सरल है। लेकिन पुरुष नसबंदी को लेकर कई तरह का भ्रम फैला है। समाज को इस भ्रम को तोड़ना होगा। पुरुष नसबंदी बिना चीरा व टांके के 10 से 20 मिनट में पूरी हो जाती है। इससे मर्दानगी पर कोई असर नहीं पड़ता और वह पहले की तरह नियमित कामकाज कर सकता है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राम प्रकाश पटेल ने बताया कि परिवार की खुशहाली और सुखद जीवन यापन के लिए पुरुषों को भी आगे आकर परिवार नियोजन कार्यक्रम में भागीदारी निभानी होगी। पुरुषों के सहयोग के बिना इस कार्यक्रम को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकती। इसलिए पुरुष वर्ग आगे आकर नसबंदी पखवाड़े का लाभ लें। उन्होंने बताया कि उन पुरुषों को नसबंदी की सेवा अपनानी चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो ।