-वशिष्ठ फाउंडेशन ने आयोजित किया सामूहिक रुद्राभिषेक, अनुसूचित वर्ग की एक हजार महिलाओं ने किया शिवपूजन
अयोध्या। प्रभु राम की नगरी अयोध्या शनिवार को हर-हर महादेव की उद्घोष से गूंज उठी। मौका था टेढ़ी बाजार तिराहे पर स्थित अरुंधति मल्टीलेवल पार्किंग परिसर में आयोजित सामूहिक रुद्राभिषेक का, जिसका आयोजन किया था वशिष्ठ फाउंडेशन ने। यहां पिछड़ी-अनुसूचित जाति की महिलाएं रहीं या अगड़ी जाति की, सभी एक साथ इस तरह पंक्तिबद्ध हुईं, जैसे सनातन संस्कृति में भेदभाव को हमेशा के लिए विदा कर रही हों। अद्भुत, अकल्पनीय दृश्य! सनातन संस्कृति की एकता का पर्याय दिख रहा था।
सुबह के 9:00 बजे अयोध्या के मल्टी स्टोरी पार्किंग में सनातन संस्कृति के उद्भव का नजारा प्रस्तुत हो रहा था। यहां लगभग एक हजार विभिन्न वर्ग की महिलाएं और चुनिंदा पुरुष इकट्ठा थे। सभी का वशिष्ठ फाउंडेशन की महासचिव श्रीमती राजलक्ष्मी तिवारी ने महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी के साथ स्वागत किया और उन्हें पंक्तिबद्ध बैठाकर पार्थिव रुद्राभिषेक के लिए पूजन सामग्री उपलब्ध कराई।
इस मौके पर महापौर ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सनातन संस्कृति को कमजोर करने की साजिश निरंतर रची जा रही है, ऐसे में शिव की आराधना से लोगों में सुख, शांति और समृद्धि आएगी। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग राम के हैं। शिव सभी के आराध्य। इसलिए सभी को शिव पूजन कर बच्चों में सदाचार एवं शिक्षा के प्रति ललक पैदा करनी चाहिए। शिव ही सत्य है। सनातन है।
फाउंडेशन की महासचिव राजलक्ष्मी तिवारी ने कहा कि फाउंडेशन के माध्यम से हम ऐसे लोगों को खोज कर उनके घरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोशिश कर रहे हैं, जो किन्हीं कारण से हिंदू पूजन पद्धति से विमुख हो रहे हैं। अगर लोग घरों में राम एवं शिव की पूजा करेंगे, बच्चों को सदाचार सिखाएंगे तो उनका बुढ़ापा संवरेगा, क्योंकि केवल हिंदू धर्म में ही माता-पिता को ईश्वर के समान माना गया है और उनकी पूजा करने के लिए प्रेरित किया गया है।
इसके बाद आचार्य शिवेंद्र एवं उनके सहयोगी आचार्य रामजी, आचार्य अमित पांडे, आचार्य हिमांशु, इंद्रजीत शुक्ल आदि की अगुवाई में पूजन की प्रक्रिया शुरू हुई। दो दर्जन बटुक ब्राह्मण उनकी सहायता कर रहे थे। रुद्राभिषेक के दौरान शास्त्रीय संगीत की पताका भी फहरा रही थी। आयोजन में पार्षद रमाशंकर निषाद, दिनेश पांडेय, दीपक चौधरी, आभा सिंह, अनीता दुबे, भीखापुर की वीरमति, कुशमाहा की पुष्पा व अन्नू, आशापुर की इंद्रावती, सहनवा की किस्मता, मीरापुर की सीमा, चांदपुर की श्यामकली, दरगाह बगिया की रुकमा देवी, मक्कापुर की रेनू, पिपरी की मंजू निषाद, चांदपुर की बिट्टू वाल्मीकि, हर्ष निषाद आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम के समापन पर फाउंडेशन की ओर से महिलाओं को साड़ी एवं श्रृंगार सामग्री भेंट की गई एवं सभी को प्रसाद वितरित किया गया।