-जानकी मन्दिर नेपाल के छोटे महंत राम रोशन दास ने भाई बनकर निभाई रश्में
अयोध्या। पहली बार मां सीता के मायके जनकपुर से तिलकहरू तमाम नेगचार और परम्पराओं के साथ प्रभु श्रीराम का तिलक चढ़ाने अयोध्या आए हैं। सोमवार दोपहर करीब दो बजे के मुहूर्त में रामसेवक पुरम में सजे मंच पर तिलक कार्यक्रम हुआ। 18 वर्षीय युवक को प्रतीकात्मक तौर पर श्रीराम बनाया गया। दुल्हन के भाई बने हैं जानकी मन्दिर के छोटे महंथ राम रोशन दास और दूल्हे के पिता की भूमिका में हैं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय।
तिलक चढ़ाने वालों में जनकपुर के मेयर मनोज साह और मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश सिंह समेत लगभग 300 लोगभी शामिल हैं। अयोध्या में वर पक्ष की ओर से कर्ताधर्ता हैं विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज। कार्यक्रम का संचालन भी उन्होंने ही किया। तिलक के मौके पर गाए जाने वाले मंगलगीतों के लिए बड़ी संख्या में अयोध्या की महिलाएं जुटी थीं और खूब गाया।
अवध क्षेत्र में होने वाले तिलकोत्सव के सभी लोकाचार विधि विधान से सम्पन्न किए गए। वधू पक्ष से इस हेतु हर आवश्यक सामग्री आई थी। इस अवसर पर श्री राम आश्रम के महंत जय रामदास,बावन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, महंत शशिकांत दास, महंत रामकुमार दास , महंत गया शरण सहित सैकड़ो लोग सम्मिलित हुए।
सीता और राम के विवाह की तैयारी शुरू
-14 दिन चलेगा भगवान राम के विवाह का महोत्सव। 26 नवंबर को अयोध्या से जनकपुर के लिए बारात रवाना होगी। 3 दिसंबर को जनकपुर पहुंचेगी। जनकपुर में 6 दिसंबर को होगा विवाह।जबकि 8 दिसंबर को जनकपुर से अयोध्या के लिए बारात रवाना होगी। 26 नवम्बर से 9 दिसंबर तक 14 दिन का भगवान राम मां जानकी के विवाह का कार्यक्रम होगा।