-राम बारात में झूमकर नाचे बाराती, विविध रूप और वेशभूषा में निकले बाराती राममय हुई अयोध्या
अयोध्या। पुण्य सलिला मां सरयू के किनारे बसी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में विवाह पंचमी के शुभ अवसर अयोध्या के विभिन्न मंदिरों से श्री राम की बारात निकाली गयी। इस भव्य राम बारात में भगवान श्री राम के पिता और गुरु की भूमिका में अयोध्या के वरिष्ठ संत मौजूद रहे। वही इस बारात में शामिल हज़ारो बाराती ढोल नगाडो की धुन पर थिरकते नज़र आये राम विवाह के मौके पर पूरी अयोध्या भक्ति रस में रंगी नज़र आई और राम बारात का नगर के अलग अलग स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। जगत नियंता भगवान श्री राम अपने अनुजों समेत सजधज कर निकले अपनी बारात। चहुंओर हर कोई नाचते गाते निकले भगवान की बारात। हाथी घोड़े ऊट बैडबाजे बारात की शोभा बड़ा रहे थे। हर शक्स खुशी में झूमता नजर आ रहा था। अपने आराध्य के शादी का जश्न लोगों के सर चढ़ बोल रहा था। बड़े ठाटबाट से निकली भगवान श्रीराम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न की बारात और उतने ही ठाटबाट से निकले भगवान के बाराती।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में राम विवाह उत्सव लगभग सप्ताह भर से चल रहा है वही विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान श्री राम और जनकनंदिनी सीता का विवाह कार्यक्रम होता है इस मौके पर अयोध्या के मठ मंदिरों से बारात निकाली जाती है। जिसमे एक मंदिर से में बारात लेकर प्रतीकात्मक रूप से जनकपुर बनाए गए दुसरे मंदिर तक पहुचती है जहां चारो भाई राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघन सहित सभी बारतियो का स्वागत किया गया। प्रसिद्ध पीठ श्री हनुमान बाग का विवाहोत्सव भी बड़ा सुंदर व देखने योग्य रहा। महंत जगदीश दास जी महाराज के अगुवाई में सजधज कर निकले बाराती फिजाओं में चार चांद लगा रहे थे। बारात में भगवान शंकर, हनुमानजी के स्वरूप पूरे माहौल को भक्ति मय कर रहें थे। बारात की अगुवाई खुद हनुमान बाग पीठाधीश्वर महंत जगदीश दास महाराज कर रहें थे।
उनके साथ रामनगरी के विशिष्ट संत भी भगवान राम के बाराती बन नाचते गाते जा रहे थे। इस मौके पर महंत नंदराम दास, गद्दी नशीन जी के शिष्य संत मामा दास, उपेंद्र दास, लवकुश दास सहित सैकड़ों संत मौजूद रहें। व्यवस्था में पुजारी योगेंद्र दास, सुनील दास, रोहित शास्त्री,नितेश शास्त्री सहित हनुमान बाग से जुड़े शिष्य परिकर लगे रहे। जानकीमहल ट्रस्ट का विवाहोत्सव बड़ा ही अद्भुत व अनोखा है। मिथिला पद्धति की उपासना प्रधान होने के कारण से किशोरी जी का मायका होता है। यहां पर भगवान राम का दुल्हा सरकार के रुप में पूजा होती है। मारवाड़ी ठाटबाट देखने को बनता है। पूरे विधि विधान से विवाहोत्सव मनाया जाता है। ट्रस्टी युवा समाजसेवी आदित्य सुल्तानिया कहते है कि हमारी पूजा ही मिथिला पद्धति से है। हम किशोरी जी को बेटी व राम जी को दुल्हा सरकार के रुप में उपासना करते है। इस मौके पर ट्रस्ट से जुड़े दिलीप सुल्तानिया, नीता सुल्तानिया, अरुण सुल्तानिया, मधुर चिरेनीवाल, प्रबंधक नरेश पोद्दार सहित पूरा जानकीमहल परिवार विवाहोत्सव में आनंदित हो रहा था।
चक्रवर्ती महाराज श्री दशरथ जी का राजमहल बड़ी जगह से बैंड बाजे हाथी, घोड़े के साथ दिव्य-भव्य अलौकिक रथ पर निकली रामबारात श्रद्धालुओ भक्तों की श्रद्धा एवं आकर्षण का केन्द्र बनी रही। दूल्हा स्वरूप में भगवान के विग्रह जहां एक रथ पर विराजमान रहे वहीं दूसरे रथ पर श्रीराम चारों भाईयों के स्वरूप दूल्हा सरकार के रूप में विराजमान रहे। मंदिर से बारात प्रस्थान होने के पूर्व विग्रह एवं भगवान के स्वरूपों की भव्य आरती पूजन प्रसाद वितरण किया गया। बिन्दुगाद्याचार्य पूज्यपाद स्वामी श्री देवेन्द्रप्रसादाचार्य जी महाराज द्वारा श्रीराम चारों भाईयों के स्वरूपों को पुष्पहार अर्पित एवं आरती कर धूमधाम से बाजे गाजे के साथ श्रीरामबारात ने प्रस्थान किया। श्रीरामबारात में हजारों की संख्या में संत-महांत भक्त झूमते नाचते जयश्रीराम का उद्घोष करते हुये बारात में शामिल हुये।
विवाह उत्सव कार्यक्रम के संयोजन के रूप में संत राम भूषण दास कृपालुजी महाराज उपस्थित रहे और विवाह उत्सव में आए सभी संतों का स्वागत किया।कैकेयी माता ने जानकी जी को कनक भवन मुंह दिखाई में दिया था ऐसी मान्यता है कनक भवन से प्रभु श्री राम की भव्य बारात निकाली गई जिसकी अलौकिक छटा देखते ही बनती थी ढोल नगाड़े हाथी घोड़ों के साथ यह बारात अयोध्या में नगर भ्रमण के बाद वापस कनक भवन पहुंची तदुपरांत प्रभु श्री राम का विवाह संपन्न हुआ। राम कोट स्थिति रंगमहल मंदिर से महंत रामशरण दास जी महाराज के निर्देशन में निकली दिव्य भव्य रामबारात श्रद्धाकर्षण का केन्द्र रही। हाथी घोड़े बैंडबाजा के साथ मंदिर परिसर से रामबारात निकली तो भक्तों का उत्साह प्रत्यक्षदर्शित हो उठा। जगह-जगह राम बारात का श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
रंगमहल के महंत रामशरण दास ने बताया की अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को प्रभु श्री राम का विवाह त्रेता युग में हुआ था हम अयोध्यावासी उसी तिथि पर भगवान श्री राम का भव्य विवाह का आयोजन करते हैं। हाथी घोड़ा बैंड बाजा से सुसज्जित बारात में प्रभु श्री राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न की जोड़ी देखते ही बन रही थी। इस अवसर पर रंगमहल के पुजारी साकेत दास सहित सैकड़ों संत महंत एवं गढ़ बारात एवं भगवान के विवाह में सम्मिलित हुए। राम हर्षण कुंज सहित 10 स्थानों से प्रभु श्री राम की भव्य बारात निकाली गई। वही राम विवाह के अवसर पर लक्ष्मण किला में मैथिली रमण शरण जी महाराज के नेतृत्व में भगवान का भव्य विवाह उत्सव मनाया गया। मणिराम दास छावनी में महंत नृत्य गोपाल दास के संरक्षण में विवाह उत्सव मनाया गया।