प्रसाद के लिए तैयार किया जायेगा 15 लीटर पंचामृत
अयोध्या। कोरोना महामारी का ग्रहण लगने से बाहर से आने वाले राम भक्तों के अयोध्या प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है जिससे 2 अप्रैल का रामनवमी पर्व भक्तों की नगण्य उपस्थित में मनाया जायेगा। प्रसाद वितरण के लिए मात्र 15 लीटर पंचामृत बनवाया जा रहा है जो भक्तों में वितरित किया जायेगा। कनक भवन में आयोजित श्रीराम जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन से करने की व्यवस्था की गयी है जिससे दूरदराज घर बैठे राम भक्त जन्मोत्सव में अपनी सूक्ष्म उपस्थिति दर्ज कर सकें। इस अवसर पर सभी वैष्णव मंदिरों में मध्याह्न ठीक 12 बजे उत्सव के आयोजन के बीच रामलला की प्राकट्य आरती होगी। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि कोरोना की महामारी को लेकर सीमित व्यवस्था में उत्सव का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परम्परागत पर्व पर मध्याह्न भगवान का पंचामृत से अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया जाएगा। इसके साथ भगवान का श्रृंगार कर उनकी आरती उतारी जाएगी। इस मौके पर पूर्व की अपेक्षा प्रसाद की व्यवस्था को सीमित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में तीन अलग-अलग प्रकार की पंजीरी जिसमें धनिया, रामदाना व सिंघाड़ा आटा शामिल रहता है, को मिलाकर 50 किलो प्रसाद बनता था। यह प्रसाद अब 20 किलो बनाया जाएगा। इसी तरह से 50 लीटर दूध-दही-घृत-मधु-गंगाजल व मेवा मिलाकर पंचामृत बनाया जाता था लेकिन इस बार 15 लीटर पंचामृत ही बनाया जाएगा। उधर रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के उत्सव का पूरा जिम्मा मुख्य पुजारी को सौंप दिया गया है और कहा गया कि विधि-विधान और अच्छे से अच्छे ढंग से उत्सव मनाएं।
आपन सोच होत नहि, हरि सोचा तत्काल चैत्र रामनवमी के अवसर पर यह प्रचलित दोहा समीचीन हो गया है। नौ नवम्बर 2019 को रामजन्मभूमि को लेकर सुप्रीम फैसला आने के बाद रामलला के प्राकट्योत्सव को भव्यता से मनाने की तैयारी थी। यही नहीं देश भर से रामभक्तों का जन समुद्र उमड़ने की भी उम्मीद थी। इन सभी उम्मीदों पर कोरोना की वैश्विक महामारी ने पानी फेर दिया है। हाल यह है कि देश भर में लॉकडाउन की घोषणा के कारण राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का प्राकट्योत्सव भी परम्परा के निर्वहन तक ही सीमित रखने की मजबूरी पैदा हो गयी है। वहीं विश्व हिन्दू परिषद ने रामलला का प्राकट्योत्सव घर-घर मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए आग्रह किया कि उत्सव के उपरांत रामनाम महामंत्र श्रीराम जय राम जय जय राम का सामूहिक संकीर्तन करें। इसके अलावा शाम को घरों व आसपास के देवालयों में दीप प्रज्जवलित करें। सभी संत-महंतों व व्यवस्थापकों से यह अपील भी की गयी है कि मंदिर-मंदिर रामचरित मानस का प्रसारण भी ध्वनि विस्तारण यंत्र लगाकर किया जाए।