महिलाओं की तरह पुरुषों को भी बनना होगा सशक्त : आनंदीबेन पटेल

by Next Khabar Team
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-आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का मना 25वां दीक्षांत समारोह


अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय 25 वां दीक्षांत समारोह समारोह के साथ मनाया गया। राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे ही एनसीसी कैडेटों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर उसके बाद शैक्षणिक परियात्रा एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह पहुंची जल भरो कार्यक्रम के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। छात्राओं ने विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत कर सभी का स्वागत किया। 25 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि डिजीलॉकर पर डिग्रियां अपलोड होने से कोई धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। कहा की पहले के समय में लोग पैसा देकर डिग्री बनवा लेते थे लेकिन आज के आधुनिक समय में ऐसा संभव नहीं है। छात्र-छात्राओं अब कभी भी अपनी डिग्री डिजी लॉकर से हासिल कर सकते हैं। उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई दी।

विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन में प्रतिभाग पर उन्होंने कहा क़ि़ ग्रेड आने से विश्वविद्यालय को जो सहायता मिलती है उसकी कल्पना किसी नहीं किया होगा। उन्होंने कहा की नैक मूल्यांकन के दौरान पूरे विवि परिवार को मिलकर अपने कार्यों को सामने रखना होगा। कुलाधिपति ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नंबर एक का दर्जा पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। स्वर्ण पदक पाने वालों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं जो महिला सशक्तीकरण का उदाहरण हैं। पुरुषों को भी महिलाओं की तरह सशक्त बनाना होगा। मिलावटी चीजों पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बीज, घी, आटा में मिलावट और फल और सब्जियों में इंजेक्शन दिया जा रहा है जिससे मनुष्यों का कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है। अधिकतर इंसान को समय से पहले हार्टअटैक से मौत हो रही है  lite Win उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई कि वे कभी किसी वस्तु में मिलावट नहीं करेंगे और न ही करने देंगे यही उनके लिए सच्चा गोल्ड मेडल होगा।

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उन्होंने कहा कि आज की टेक्नोलॉजी इतनी तेजी के साथ काम कर रही है जिसके साथ हमारे युवा आगे चल सकते हैं। कुपोषण को दूर भगाने का सबसे सही तरीका श्री अन्न है। स्कूली बच्चों को श्री अन्न दिए जाने पर कुलाधिपति ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा की आज के समय में था। जनजाति के लोग आधुनिक समाज से जड़ना चाहते हैं इसके लिए उन्हे कड़ी मेहनत करनी होगी। इस समाज के छात्र-छात्राओं को 12वीं तक की पढ़ाई साइंस और मैथ साइड से करनी होगी जिससे कि वे आगे चलकर मेडिकल लाइन में जाएं और डॉक्टर बनें। कुलाधिपति ने कहा कि सरकार किसानों के साथ 24 घंटे खड़ी है और सरकार की नीतियों के कारण गेहूं, चावल का रिकार्ड तोड़ उत्पादन हुआ है। कम पानी में तैयार होने वाली फसल पर काम करने की जरूरत है।

प्राकृतिक खेती आत्मनिर्भरता का मार्ग, बढ़ सकती देश की ताकत : के.सी. पटनायक

-समारोह के मुख्यअतिथि कृषि सहकारिता एवं कृषक कल्याण भारत सरकार के पूर्व सचिव के. सी पटनायक ने कहा कि स्थापना के बाद से कृषि विश्वविद्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कृषि विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। पटनायक ने कहा कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की जरूरत है। नई शैक्षिक नीति गुणवत्ता, समानता और सामर्थ्य पर केंद्रित है। एनआईआरएफ की शुरुआत का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा के माध्यम से शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है इसके लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि आज प्राकृतिक खेती आत्मनिर्भरता का मार्ग है और ये हमारे देश की ताकत को बढ़ा सकती है और इससे उर्वरक की लागत कम हो सकती है।

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किसानों को बड़े पैमाने पर प्राकृतिक एवं जैविक खेती करने की जरूरत है और इसके लिए दूसरों को भी उत्साहित करने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती करके किसान अपनी आय को दोगुणा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्री अन्न देश के छोटे किसानों के लिए समृद्धि का द्वार है। बाजरे के उत्पादों की बिक्री में भी लगभग 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। एक जिला-एक उत्पाद के तहत देश के 19 जिलों में बाजरा का भी चयन किया गया है जो सराहनीय योग्य है। आधुनिक युग में कृषि शिक्षा को पुनर्गठित करने पर जोर दिया जिससे कि छात्र आवश्यक ज्ञान व कौशल प्राप्त कर सकें। मुख्य अतिथि ने कहा कि आज के समय में छात्र- छात्राओं को नौकरी के लिए कार्य नहीं बल्कि दूसरों को रोजगार देने के लिए कार्य करना होगा। वर्तमान समय में हमें विज्ञान को समाज से जोड़ने की जरूरत है। एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचारों की आवश्यकता है जो कृषि के क्षेत्र में लचीलापन ला सके।

उन्होंने कहा कि 2030 तक हमें बढ़ती जनसंख्या की मांगों को पूरा करने के लिए 70 प्रतिशत अधिक भोजन की आवश्यकता होगी। हमारे देश में 30 प्रतिशत गरीबी और कुपोषण जैसी समस्या पल रही है जिससे हम सभी को मिलकर निपटना होगा। उन्होंने उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में कई प्रजातियों को विकसित सराहनीय कार्य किया है।

कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं : औलख

समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। सरकार किसानों के उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कृषि के विकास में रणनीति बनाकर सभी को एक साथ कार्य करना होगा। सरकार किसानों व पशुपालकों को कम लागत पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध करा रही है। औलख ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इतने बड़े पैमाने पर मोटे अनाज की खेती कर रहा है जो सराहनीय कार्य है। किसानों को बड़े पैमाने पर श्रीअन्न की खेती करनी चाहिए। श्रीअन्न का प्रयोग करने से इंसान के अंदर कई बीमारियां अपने आप खत्म हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि कृषि जगत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास एवं कड़ी मेहनत की जरूरत है। राज्यमंत्री ने मेडल व उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। उक्त अवसर पर महामहिम राज्यपाल के आगमन पर मंडलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर सहित मण्डल/जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया।

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कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले थारू जनजाति के बच्चों को राज्यपाल ने मंच पर किया सम्मानित


आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर पहली बार कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले थारू जनजाति के बच्चों को विशेष रूप पर राज्यपाल ने मंच पर सम्मानित किया। इस प्रकार का सम्मान पाकर सभी बच्चे अत्यंत प्रफुल्लित नजर आए। उन्होंने अपनी खुशी के कुछ पल साझा किये। बीएससी सेकण्ड वर्ष की छात्रा कमल राणा अखियां लखीमपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता सरयू प्रसाद राणा किसान हैं। कमल का कहना है कि राज्यपाल के द्वारा इस प्रकार का सम्मान पाकर हम लोग काफी प्रफुल्लित हैं।

दिव्यांशी के पिता अनंतराम एक किसान हैं यह लखीमपुर बेलडांडी की रहने वाली हैं। बीएससी हॉर्टिकल्चर तृतीय वर्ष में पढ़ने वाली छात्रा भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहती हैं। नेहा इनके पिता राम प्रताप राणा किसान हैं। यह बीएससी फर्स्ट ईयर हॉर्टीकल्चर की छात्रा है। राज्यपाल के द्वारा सम्मानित होकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। जैस्मिन के पिता रामनाथ एक किसान है यह बीएससी कृषि द्वितीय वर्ष की छात्रा है,उनका सपना कृषि वैज्ञानिक बनने का है।

 

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