विश्व में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम : विषयक राष्ट्रीय भित्ति चित्रण कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग, अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज 31 जनवरी, 2020 को ‘विश्व में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम : विषयक 21 दिवसीय राष्ट्रीय भित्ति चित्रण कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि श्रीराम के जीवन वृतान्त को एक शोध के रूप प्रस्तुत किया जाय, जिससे शोधार्थी लाभावित हो सके। प्रो. दीक्षित ने बताया कि वनगमन के दौरान प्राप्त औषधि वनस्पति, विश्व में राम का स्वरूप, अखिल भारत मे राम का स्वरूप, अयोध्या में राम-सीता से सम्बन्धित दृष्टिंत कैलोग्राफी द्वारा 16 भाषा में राम का अयोध्या में जाति मन्दिर, अयोध्या में 108 हनुमान मन्दिर को श्री राम शोध मे चित्रित किया जाय तथा पाँडुलिपियों पुस्तकों को भी यहाँ संग्रहित किया जाये। जिससे श्रीराम के जीवन से सम्बंधित सभी साक्ष्य यहाँ उपलब्ध रहे। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में श्रीराम शोध पीठ का होना ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस परिपेक्ष्य में दृश्य कला विभाग के छात्र-छात्राओं व शिक्षको द्वारा इस विषय पर कार्यशाला के द्वारा भित्ति चित्रण एक बहुत ही अनोखा एवं रोमांचित करने वाला एवं सराहनीय कार्य है। इस कार्य के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन हर स्तर पर विभाग का सहयोग करेगा। आगामी माह में प्रस्तावित नैक टीम के भ्रमण के समय श्रीराम शोध पीठ एक यूनीक मॉडल के तरह अपनी प्रस्तुति दे ऐसी मेरी अपेक्षा दृश्य कला विभाग द्वारा ष्माता सबरी वाटिकाष् एवं नौंग्रह वाटिका का निर्माण निश्चित रूप से एक सराहनीय पहल हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के सृजनात्मक कार्यों के लिए निरन्तर सहयोग करता रहेगा। मेरा यह निरन्तर प्रयास रहेगा कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में जो भी छिपी हुई कलात्मक एवं सृजनात्मक क्षमता हैं उसका चौमुखी विकास हो।
दृश्य कला विभाग की डा0 सरिता द्विवेदी ने भित्ति चित्रण कार्यशाला के बारे में बताया कि विभाग के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा श्रीराम चन्द्र जी के पूरे जीवन वृत्त का वैश्विक चित्रण विभिन्न शैलियों के माध्य से चित्रित कराया जाएगा। दृश्य कला विभाग की सहायक आचार्य पल्लवी सोनी ने इस कार्यशाला में निर्देशक के रूप में छात्र-छात्राओं को विभिन्न विधाओ से संबंधित चित्रण की ओर इंगित किया। कार्यशाला आयोजन सचिव सरिता सिंह ने धन्यवाद स्थापित करते हुए बताया कि इस भित्ति चित्रण कार्यशाला के द्वारा श्रीराम के विभिन्न स्वरूपों का जीवन्तता प्रदान करते हुए चित्रित किया जाएगा। विभागीय शिक्षिका रीमा सिंह ने उक्त चित्रण कार्य में छा़त्र-छात्राओं को उत्प्रेरित किया। दृश्य कला विभाग के समन्वयक प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीराम जी पर आधारित 21 दिवसीय इस भित्ति चित्रण में विभागीय शिक्षिकाओं के साथ 60 छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न शैलियों के माध्यम से श्रीराम चन्द्र जी के जीवन से संबंधित चित्रों को शोधपीठ की दीवारों पर उकेरा जाएगा। यह कार्यशाला 31 जनवरी से प्रारम्भ होकर 20 फरवरी तक चलेगी जिसमें विभिन्न प्रान्तों के विशेषज्ञों की परामर्श रूपी सहभागिता होगी साथ ही शीध्र ही सबरीमाला वाटिका एवं नौ ग्रह वाटिका का निर्माण स्थापत्य कार्यशाला के रूप में की जाएगी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से संकायाध्यक्ष प्रो0 एन0 के0 तिवारी, डॉ0 संजय चौधरी, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 प्रदीप कुमार त्रिपाठी, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, प्रो0 एम0 पी0 सिंह, डॉ0 आर0 एन0 राय, डॉ0 आर0 के0 सिंह, डॉ0 अलोक मिश्रा, डॉ0 महेन्द्र पाल सिंह, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 डी0 एन0 वर्मा एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।