जागरूता शिविर में दी विधिक जानकारी
अयोध्या। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देशन व जनपद न्यायाधीश फैजाबाद नीरज निगम के मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमन तिवारी द्वारा गुरूवार को वृद्धा आश्रम का निरीक्षण व विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। निरीक्षण के दौरान सचिव पाया कि वृद्धा आश्रम मे रहने वाले समस्त वृद्ध महिला व पुरूष प्रसन्न थे और उनमें से बहुत से भजन कर रहे थे। हर तरह से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आश्रम से संबन्धित लोगो ने इसे वास्तविक रूप से ब्यवस्थित किया है। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि हमें अपने बच्चों को पैसा कमाने की मशीन न बना कर एक अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करना चाहिए। पैसा और प्रसिद्धि खुद-बखुद तब उनके पास आयेगा। केवल दुख जो मैंने अनुभव किया उन्हें अपने प्रियजनों द्वारा उनका परित्याग किये जाने का था। वृद्धा आश्रम में कुल 62 वृद्ध पुरूष व महिला निवास कर रहे है। पूछे जाने पर वृद्धो ने बताया कि सुबह नास्ते में दलिया व चाय एवं भोजन में पूड़ी, सब्जी व खीर दिया गया है। वृद्धा आश्रम की प्रबंधक माधुरी मौर्या ने बताया कि प्रत्येक 07 दिन पर डाक्टर चेकअप के लिये आते है, कोविड -19 को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी वृद्धों के पास मास्क एवं सेनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है। सचिव ने प्रबंधक को निर्देशित किया कि वृद्धजनों के बीच सोशल डिस्टैंसिग का पालन अवश्य कराया जाय, समय-समय पर मास्क व सेनीटाइजर वितरित कराया जाय व परिसर की साफ-सफाई एवं सेनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दे।
निरीक्षण के पश्चात शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सचिव ने बताया कि ’वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान’, यानि वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान दिया जाय। प्रत्येक व्यक्ति का यह व्यक्तिगत दायित्व है कि वह अपने बुजुर्गां का सम्मान करे और उनसे अनुभव प्राप्त करे। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है कि शासन द्वारा वरिष्ठ नागरिक सम्मान योजना के अन्तर्गत जिन योजनाओं को लागू किया गया है, उसका लाभ पात्र व्यक्तियों को समय से मिले और सरकार की मंशा पूरी हो जिनसे उन्हें अवगत कराया गया तथा सीनियर सिटीजन ऐक्ट 2007 के प्राविधानों से भी अवगत कराया गया। किसी भी वरिष्ठ नागरिक को यदि कोई विधिक समस्या जैसे उसको पेंशन की समस्या या मुकदमें की समस्या आदि विधिक समस्या हो उसके सम्बन्ध में वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर अपने समस्या का समाधान पा सकता है। यदि उसका कोई मुकदमा चल रहा हो और आर्थिक तंगी के कारण मुकदमे की पैरवी न कर पा रहा हो तो उसे निःशुल्क अधिवक्ता की सहायता प्रदान की जाती है।