खेत व बागों में अवैध रूप से डम्प किया जा रहा मिल का ज्वलनशील पदार्थ
अयोध्या। पूंजीवाद के आगे सत्तानशीन इस तरह नतमस्तक हैं कि उसे सत्ता तक पहुंचाने वाला आम जनमानस भुनगा नज़र आता है, के.एम. शुगर मिल मालिक ने मिल के ज्वलनशील पदार्थ को रुपयों के बल पर कृषि व वन क्षेत्र में डम्प कर रहा है.। मामला जनपद के मसौधा ब्लाक का है। इलाहाबाद रोड पर शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम के पीछे अशरफपुर, बिहारीपुर टोनिया ग्राम सभा स्थित है. नई जारी अधिसूचना के मुताबिक अब यह इलाका नगरनिगम के अन्तर्गत आ गया है। इसी ग्राम सभा के कुछ लोगों को मिलाकर केएम शुगर मिल मसौधा के मालिक ने मिल का ज्वलनशील पदार्थ डम्प करना शुरू कर दिया है जिससे गांव वालों का जीना दूभर हो गया है।
मिल मालिक ने खेत में ही पक्का निर्माण भी शुरू करा दिया है जहां पर इस ज्वलनशील पदार्थ को ठोस रूप दिया जाएगा. नियमों की अनदेखी करके मिल मालिक ने गांव वालों का जीवन संकट में डाल दिया है. सवाल उठता है कि कृषि क्षेत्र का व्यावसायिक इस्तेमाल करने की अनुमति किसने दिया। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे पदार्थ को बाग में डम्प करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र कहां से जारी हुआ. मिल के द्वारा आवासीय इलाके में डम्प किया जा रहे पदार्थ के लिए क्या अग्निशमन विभाग ने अनुमति दिया है. क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र लिया गया है. ग्राम प्रधानों ने आंख मूंद रखा है तो खेत देने वालों ने अर्थ लाभ के आगे जीवन संकट को दरकिनार कर दिया है। जिस सड़क से होकर यह ज्वलनशील पदार्थ ओवरलोड ट्रकों से कृषि व वन क्षेत्र में डम्प किया जा रहा वह सड़क अब गढ्ढों में तब्दील हो गई है। गांव निवासी व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह व डॉ. पवन पांडेय ने शासन प्रशासन से इस अवैध भंडारण पर रोक लगाने की गुहार लगाई है।