विश्व हृदय दिवस पर होम्योपैथी से उपचार की जानकारी
अयोध्या। चिकित्सा विज्ञान ने कई असंभव से लगने वाले आयामों को पार किया है किन्तु आज भी विश्व में हृदयाघात से होने वाली मौतों में इजाफा ही हुआ है हलांकि यदि यह नियंत्रित न होता तो तस्वीर और भी भयावह हो सकती थी। होम्योपैथी में रोग में व्यक्ति का उपचार किये जाने की बात की जाती है। स्वास्थ्य एवं होम्योपैथी जागरूकता अभियान के तहत होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के महासचिव डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी ने कहा होम्योपैथिक विज्ञान के अनुसार मोटापा खाने पीने की अनियंत्रित आदत शराब तम्बाकू धूम्रपान आदि की लत ह््रदय रोगों को बढ़ावा या उत्प्रेरित करने वाले कारक हो सकते है किन्तु इनका मूल व स्थायी कारण है व्यक्ति में सोरा सायकोटिक या सोरा सिफिलिटिक दोष का होना जिसके चलते व्यक्ति में रोग प्रगति करते हुए असाध्य होने की अवस्था में पहुच जाता है। डॉ त्रिपाठी ने कहा रक्तवाहिनी कला काठिन्य के चलते हृदयशूल मायोकार्डियल एन्फ़र्क्शन हृदयाघात हईपर्टेन्शन हृदयपेशी शूल व प्रदाह वाल्व डिफेक्ट अनियमित ह््रदय गति एवं आनुवंशिक डिफेक्ट आदि रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है।
हृदय रोग के लक्षणों की पहचान के लिए डॉ त्रिपाठी ने बताया मोटापे से ग्रस्त भावनात्मक रूप से अतिसंवेदन शील, असहनशील व्यक्ति जिन्हें जल्दी थकान का अनुभव होता हो शरीर पसीने से भीग जाये सर में भारीपन का अहसास हो, मांसपेशियो में अकड़न का अनुभव हो तथा उनमे सांस लेने में तकलीफ सीने में दर्द कनपटी में टपकन ,चक्कर आदि के लक्षण मिलते हों तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही निम्नांगो में सूजन खांसी व अनियमित हृदयगति के लक्ष्ण भी महत्वपूर्ण हैं। रोग की पुष्टि के लिए सीने का एक्सरे ईसीजी इकोकार्डियोग्राफी एंजियोग्राफी व आएसोटोप स्कैन प्रमुख जांचें कराई जा सकती हैं। डॉ उपेन्द्र मणि ने बताया रोग को प्रेरित करनेवाले कारको से रक्त प्रवाह में आयी उथलपुथल रक्त वाहिकाओ की अन्तःदीवारों को क्षतिग्रस्त कर सकती है जिससे वहाँ फाइब्रोसिस व कैल्सियम के जमने से कठोर थक्के अथवा डिजेनेरेशन व लिपिड के जमने से मुलायम थक्के का बनना शुरू हो जाता है। इससे रक्त वाहिकाओ की गुहा संकरी होने से प्रवाह में अवरोध होने लगता है इनके फटने का खतरा भी होता है।
डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी के अनुसार नियमित योग संयमित जीवन शैली संतुलित कम वसा व कम नमक का आहार तनावमुक्त प्रसन्नचित जीवन दिल को हर मुश्किल से बचाए रख सकते हैं।सकारात्मक सोंचे, परिवार भावना का विकास करें,नकारात्मक बातों को दिल से न लगाएं, प्रसन्न रहे।
आकस्मिक स्थितियों में अचानक हृदयगति रुकने पर सीपीआर मेथड अपनाने का तरीका प्रदर्शित करते हुए डॉ त्रिपाठी ने बताया दुर्घटना, सदमा लगने पर कोई भी जानकार इस तरीके से व्यक्ति को जीवनदान दे सकता है जिससे समय पर चिकित्सालय पहुँचकर उचित इलाज उपलब्ध हो सके। दिल से जुड़े मामलो में बैरायिटा ऑरम नैर्ट्म अयोडम सुम्बुल क्रेटेगस कैलकेरिया आर्स, नाज़ा आदि दवाएं चमत्कारिक लाभ पहुचाती है किन्तु औषधि का चयन व प्रयोग चिकित्सक की परामर्श अनुसार ही करना चाहिए।