-कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत” विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
अयोध्या। उत्तर प्रदेश शासन के समाज कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग के अपर प्रमुख सचिव एवं उपाम व एसआईआरडी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वरलू की अध्यक्षता में “कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन आयुक्त सभागार में किया गया।
अपर प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वरलू ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए कर्मयोग की मूल विचारधारा को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कर्मयोग केवल एक आध्यात्मिक दर्शन नहीं, बल्कि जीवन का व्यावहारिक मार्गदर्शन है, जो अभ्युदय यानी समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने कहा कि कर्मयोग ऐसा माध्यम है यह न केवल आत्मज्ञान को जागृत करता है, बल्कि युवाओं को अपने जीवन के उद्देश्यों को समझने में भी सहायता करता है। अपर प्रमुख सचिव ने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय, विशेषकर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी।
ऐसे में उन्हें केवल सपने देखने तक सीमित न रहकर कर्मयोग के मार्ग पर चलकर उन्हें साकार करने की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने इस अवसर पर भारतीय दर्शन में कर्मयोग की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया और कहा कि यही वह सिद्धांत है जो व्यक्ति को लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है और राष्ट्र निर्माण में उसकी भूमिका को सशक्त बनाता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जनपद में अभ्युदय के तहत साकेत महाविद्यालय में सिविल सर्विसेज व जी0आई0सी0 में नीट एवं जे.ई.ई. के केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिम बच्चों को बेहतर ढंग से कोचिंग क्लास दी जा रही है और शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने हेतु बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास एवं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से डाउट क्लियर करने की सुविधा बनाई गई है।
इस पर अपर प्रमुख सचिव ने कहा कि अभ्युदय कोचिंग के लिए ऐसे छात्रों का चयन किया जाए जिनमें योग्यता है और कोचिंग नहीं कर पा रहे हैं उनको प्राथमिकता दी जाएं। इसके साथ-साथ अभ्युदय कोचिंग मे चयनित विद्यार्थियों को बुलाकर मोटिवेशनल क्लासेस भी कराई जाए।
कार्यक्रम के दौरान अपर आयुक्त प्रशा0 व मुख्य विकास अधिकारी ने भी अपना संबोधन व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रशासन अजयकांत सैनी, मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण व शिक्षाविद्, विद्यार्थी तथा सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।