-रात्रि में प्रमुख मठ मंदिरों में वैदिक विधि विधान से हुआ प्रभु श्री राम व माता सीता का विवाह
अयोध्या। चार दिनों से रामनगरी में चल रहे श्रीराम विवाहोत्सव के दौरान रविवार को प्रमुख मठ मंदिरों में राम कलेवा का आयोजन किया गया। पंचमी तिथि पर शनिवार को विभिन्न मठ-मंदिरों से भगवान श्री राम की बारात निकाली गई थी और रात्रि में प्रतीकात्मक रूप से राम विवाह हुआ था। वैवाहिक रस्म संपन्न होने के बाद रविवार की सुबह प्रमुख मंदिरों में कलेवा का आयोजन किया गया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पंचमी तिथि पर श्री राम विवाहोत्सव का आयोजन होता है। इसके पूर्व तेल पूजन मात्र पूजन आदि पारंपरिक कार्यक्रम और रस्म का आयोजन किया जाता है।धार्मिक नगरी अयोध्या के विअहुति भवन, जानकी महल ट्रस्ट, कनक भवन, बड़ा स्थान दशरथ महल, दिव्यकला कुंज-रूपकला कुंज, श्रीराम वल्लभाकुंज, प्राचीन जगन्नाथ मंदिर, माधुरी कुंज, रंगमहल, रामहर्षण कुंज, रामसखी मंदिर सहित विभिन्न मठ-मंदिरों में श्री राम विवाहोत्सव का पर्व वैदिक विधि विधान से मार्गशीर्ष द्वितीया से ही शुरू हुआ था।वैदिक परंपरा के मुताबिक शनिवार को भगवान राम व चारों भाइयों का द्वारपूजा के साथ अन्य विवाह की रस्म पूरी की गई। पारंपरिक रूप से आयोजित होने वाले इस उत्सव को देखने के लिए राम नगरी और आसपास समेत दूरदराज से लोग पहुंचे। विवाह उत्सव संपन्न होने के बाद रविवार की सुबह कलेवा का आयोजन किया गया।आयोजन के तहत दूल्हा राम और उनके भाइयों तथा दुल्हन स्वरूप जानकी को भोग लगाने के लिए मठ मंदिरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे गए। भक्तों और श्रद्धालुओं को भी प्रसाद रूप में इन व्यंजनों को दिया गया।