कबीर धर्म मन्दिर में तीन दिवसीय संत कबीर सांस्कृतिक मेला प्रारम्भ
अयोध्या। कबीर धर्म मन्दिर जियनपुर के संस्थापक स्वरूपलीन सद्गुरू रामसूरत साहेब की पुण्य स्मृति में तीन दिवसीय संत कबीर सांस्कृतिक मेला परम्परागत ढंग से भव्य उद्घाटन समारोह के साथ प्रारम्भ हो गया। इस अवसर पर देश-प्रदेश के विभिन्न अंचलों से भारी संख्या में आये कबीरपंथी संन्तों एवं भक्तों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कबीर निर्वाण स्थली मगहरपीठ केे महन्त आचार्य विचार साहेब ने कहा कि कबीर साहेब प्रभु राम के उस स्वरूप को समाज में स्थापित किया जो हरिजन, गिरिजन, वनजन आदि सभी दीन-दुखियों को गले लगाया। उन्होंने राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को भी क्षमा दान कर सद्मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। आज देश और समाज को उसी प्रभु राम और उनके राज्य की आवश्यकता है। कबीर साहेब ने समता स्वतंत्रता और बन्धुत्व का जो पैगाम दिया वह आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। विचार साहेब ने कहा कि सद्गुरू रामसूरत साहेब ने कबीर का ही प्रतिरूप बनकर उनके मूल्यों एवं आदर्शों को देश-विदेश में फैलाया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में विश्व कबीर विचार मंच के राष्ट्रीय महासचिव महन्त बिहारी साहेब, बेगूसराय बिहार ने इस तरह के आयोजनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आयोजन महन्त उदार साहेब के प्रयासों से दशकों पहले शुरू हुआ यह महोत्सव निश्चित रूप से समाज को संत कबीर की वैचारिक आभा से आलोकित करेंगा। मुख्यवक्ता हाजीपुर बिहार से आये महन्त केशवदास ने कहा कि संत कबीर ने भक्ति मार्ग में क्रान्तिकारी परम्परा का श्रीगणेश किया था जिनके मूल में पूर्ण सामाजिक परिवर्तन का भाव निहित था। कार्यक्रम को मूड़घाट कबीर आश्रम बस्ती के महन्थ रामलखन दास ने अपने सम्बोधन में कहा कि संत कबीर भावनात्मक एवं पारलौकिक दुनिया को छोड़कर देश व समाज के यर्थाथ को न सिर्फ समझा बल्कि उसकी जटिलताओं को हल करने का प्रयास भी किया। समारोह को हनुमानगढ़ी अयोध्या के महन्त राजूदास, बरहड़ा कबीर आश्रम के महन्त राधेश्याम दास देवरिया कबीर आश्रम के महन्त भगवान शास्त्री, कुशीनगर कबीर आश्रम के महन्त राजेन्द्र दास, महराजगंज कबीर आश्रम के महन्त श्याम बहादुर दास, यादवेन्द्र दास, शीलदास, रविन्द्र दास, सन्त रामप्रकास दास, जनहित दास, रामसिंह दास, डॉ0 अजय कुमार सिंह, डॉ0 सम्राट अशोक मौर्य, कवियत्री डॉ0 गीता शर्मा, दिनेश सिंह आदि प्रमुखवक्ताओं ने भी समारोह को सम्बोधित किया। समारोह की अध्यक्षता श्री कबीर धर्म मन्दिर सेवा समिति के अध्यक्ष महन्त उदार दास ने किया। आकाशवाणी के प्राख्यात भजन गायक सन्त रामप्रसाद साहेब ने ’’मोको कहा ढूढे़ बन्दे मैं तो तेरे पास में, ना तीरथ में ना मूरत में ना काबा कैलाश में’’ भजन को अपने सुमधुर आवाज एवं अंदाज में सुनाकर श्रोता समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी क्रम में सांस्कृतिक संध्या में अवधी लोक गायक पं0 दयाशंकर पाण्डेय ने अपने निर्गुण भजनों से देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा। प्रारम्भ में कबीर मन्दिर के महन्त उदार दास ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। क्रार्यक्रम का संचालन मन्दिर समिति के मंत्री संत उमाशंकर दास एडवोकेट ने किया। क्रार्यक्रम में रवीन्द्र दास, भजनलाल दास, अमरनाथ वर्मा, पूर्व प्रधान गुरूचरन यादव, अखिलेश यादव, विनोद कुमार वर्मा, विष्णु यादव, राजेश वर्मा, प्रमोद पाण्डेय, मनीराम चौहान, सुनील वर्मा, कृष्ण कुमार वर्मा, राघव शर्मा, रजनीश पटेल, आशीष जायसवाल, संतोष यादव, शिवम्, साकेत सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहें।