अयोध्या। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भारत की जनवादी नौजवान सभा उत्तर प्रदेश राज्यकमेटी स्वागत करता है। जनौस के प्रदेश महासचिव कामरेड सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि लम्बे समय से अटके अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के जरिये सर्वोच्च न्यायालय ने इस लंबे विवाद का अंत कर दिया है।
एक बात खुद अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि मूर्ति रखना और दिसम्बर 1992 में बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना गैरकानूनी था यह एक आपराधिक कार्यवाही थी, धर्मनिरपेक्ष सिध्दांतों पर हमला था । मस्जिद ध्वंस के मामलों की सुनवाई तेज की जानी चाहिए और अपराधियों को सजा दी जानी चाहिए । कोर्ट ने कानून के कड़ाई से पालन करने की भी बात कही है। डीवाईएफआई देश के नौजवान से अपील करती है कि इन अतिवादी और साम्प्रदायिक ताकतों के भड़कावे में न आये। हमे ऐसे प्रचार को नकारना चाहिए जो देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को नुकसान पहुंचाए ।
अयोध्या फैसले का जनौस ने किया स्वागत
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