अयोध्या। “भगवान सहस्त्रबाहु के त्याग व बलिदान एवं उनके पराक्रम से हम अपने समाज को एक अच्छी दिशा दे सकते है, उनके दिखाये गये मार्ग पर चलकर ही वास्तव में जायसवाल समाज जिसे पूर्व में कलवार समाज के नाम से जाना जाता है के प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। आज आवश्यकता है कि हम भगवान सहस्त्रबाहु के जीवन और उनके पराक्रम से आने वाली पीढ़ी को अवगत करायें जिससे वे अपने स्वर्णिम अतीत को जान सके और उससे शिक्षा ग्रहण कर सकें। ‘‘ उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए स्थानीय ओमकार आश्रम नाका मुजफ्फरा, पर उ0प्र0 जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा जनपद अयोध्या द्वारा आयोजित भगवान सहस्त्रबाहु की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज जायसवाल ने आगे कहा कि कलवार समाज का पिछड़ापन दूर करने के लिए आज आवश्यकता है कि भगवान सहस्त्रबाहु की शिक्षाओं को हम अपने जीवन शैली में अपनाये तभी समाज का वास्तविक विकास सम्भव है।
कार्यक्रम को जायसवाल ट्रस्ट के अध्यक्ष पुष्कर जायसवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के प्रबु्द्ध वर्ग के लोगों को इस कार्य के लिए आगे बढ़कर भगवान सहस्त्रबाहु के शिक्षाओं के अनुरूप समाज को खड़ा करना है जो हमारे समाज के पिछड़ापन को दूर करेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जायसवाल के नगर महासचिव वैश्य राकेश जायसवाल ने कहा कि भगवान सहस्त्रबाहु ने जो पराक्रम दिखाया था यदि हम उसका अंश भाग भी अपने जीवन शैली में अपना लेते है तो समाज में एक बहुत बड़ा परिवर्तन करने की क्षमता रखेंगे।
कार्यक्रम में जायसवाल युवा मंच उ0प्र0 द्वारा मनोनीत युवा प्रदेश महासचिव अनुभव जायसवाल उर्फ अन्नू (पार्षद), युवा मण्डल अध्यक्ष नितेश जायसवाल व युवा जिला अध्यक्ष आनन्द जायसवाल का स्वागत व सम्मान किया गया। कार्यक्रम को ओम प्रकाश जायसवाल, राम नाथ जायसवाल, शैलेश जायसवाल, सर्ववर्गीय महासभा के युवा कोषाध्यक्ष ज्ञानेश्वर जायसवाल, प्रदेश सचिव प्रताप बहादुर जायसवाल, रोहित जायसवाल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जायसवाल ट्रस्ट के सुशील जायसवाल, सुनील जायसवाल, प्रमोद जायसवाल,राजकुमार जायसवाल, दीपक जायसवाल, महेश जायसवाल, सोमचन्द जायसवाल, उमेश जायसवाल, पंकज जायसवाल, चन्दन जायसवाल, अंकुर जायसवाल, मनीष जायसवाल, आशीष जायसवाल, गोल्डी जायसवाल, विक्की जायसवाल, अनुराग जायसवाल, संजय जायसवाल, साहिल जायसवाल, पवन जायसवाल आदि सैंकड़ो स्वजातीय बन्धु उपस्थित रहे।
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