-देशभर के श्रद्धालुओं को डिजिटल रूप से जोड़ा, सरयू घाट पर एक लाख दीयों को जलाकर दिवाली उत्सव में भाग लिया
अयोध्या। आईटीसी मंगलदीप, भारत का अग्रणी अगरबत्ती ब्रांड, ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित भव्य अयोध्या दीपोत्सव पहल में भाग लिया और एक अनोखी डिजिटल पहल के माध्यम से देशभर के श्रद्धालुओं को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया। इस पहल के तहत, मंगलदीप ने एक ऑगमेंटेड रियलिटी (AR)-संचालित अभियान की शुरुआत की, जिससे देश के विभिन्न कोनों से लोग दीपोत्सव का वर्चुअल अनुभव ले सके और अपने दीपक जला सके — जो अयोध्या की सामूहिक आलोकित शाम में योगदान देते हैं।
इस पहल के माध्यम से मंगलदीप ने भक्ति को और अधिक समावेशी, सुलभ और अनुभवात्मक बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाया। इस तकनीकी प्रयास ने लाखों श्रद्धालुओं को त्यौहार की आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ा। श्रद्धालुओं ने AR-सक्षम माइक्रोसाइट के माध्यम से भाग लिया, जहां हर वर्चुअल दीपक का संबंध 19 अक्टूबर को अयोध्या में जलाए गए वास्तविक दीपक से था, जिससे एक साझा, अखिल भारतीय उत्सव का माहौल बना।
हालाँकि शुरुआत में एक लाख दीये जलाने की योजना थी, लेकिन आईटीसी मंगलदीप को हमारी एआर पहल के ज़रिए 1.3 लाख डिजिटल दीये मिले। इसके जवाब में, हमने ज़मीन पर भी 1.3 लाख दीये जलाने का फैसला किया, जो आस्था, एकता और सकारात्मकता के सामूहिक संदेश का प्रतीक है। मंगलदीप खुशबू पथ ने माहौल को और भी खूबसूरत बना दिया, जहाँ 25 पाँच फुट ऊँची अगरबत्तियों और 25 महा हवन प्यालों के ज़रिए हवा में दिव्य सुगंध का संचार हुआ।
आईटीसी के माचिस एवं अगरबत्ती डिवीजन के डिविजनल सीईओ, रोहित डोगरा ने कहा, “आईटीसी मंगलदीप में, भक्ति शाश्वत है, परंतु उसे अनुभव करने का तरीका समय के साथ बदल सकता है। इस पहल के माध्यम से हमने देशभर के लाखों श्रद्धालुओं को डिजिटल रूप से जोड़ा, ताकि वे चाहे जहाँ भी हों, अयोध्या की आध्यात्मिक ऊर्जा का हिस्सा महसूस कर सकें। हमें अयोध्या के इस भव्य दीपोत्सव का हिस्सा बनने पर गर्व है — जो पूरे भारतवर्ष को भक्ति और प्रकाश से आलोकित करता है। यह पहल भक्ति को आज के डिजिटल युग में और अधिक इमर्सिव, समावेशी और अर्थपूर्ण बनाने की दिशा में एक कदम थी।”
निखिल टीकाराम फुंडे, आई.ए.एस, जिला मजिस्ट्रेट, अयोध्या ने कहा, “हमें खुशी है कि आईटीसी मंगलदीप ने सरकार के दीपोत्सव उत्सव में भाग लिया। उनकी यह डिजिटल पहल देशभर के श्रद्धालुओं को अयोध्या के पवित्र उत्सवों से जोड़ने में सफल रही है, जिससे दीपोत्सव का एकता और भक्ति का संदेश और भी सशक्त हुआ है।”
इस प्रयास के माध्यम से, आईटीसी मंगलदीप ने भक्ति को नए रूप में प्रस्तुत करने में अपनी अग्रणी भूमिका को पुनः स्थापित किया — यह दर्शाते हुए कि आस्था और तकनीक साथ मिलकर ऐसे अनुभव बना सकते हैं जो प्रेरित करें, जोड़ें और आत्मा को ऊँचा उठाएँ।