इब्राहीम शाह के तीन दिवसीय उर्स का हुआ समापन
अयोध्या। विश्वविख्यात अयोध्या केवल हिंदुओं के लिए ही पवित्र स्थल नहीं ,बल्कि मुसलमानों के लिए भी आस्था की केंद्र रही है। समय-समय पर अन्य धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं। इसी कड़ी में शहंशाह ए अयोध्या सिराज उल औलिया हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत सैयद शाह मोहम्मद इब्राहीम शाह अड़गड़ा, अयोध्या में तीन दिवसीय उर्स के समापन का शुभारंभ मोहम्मद कमर रजा सुबहानी की तिलावत ए कुरान पाक से हुआ। कार्यक्रम का संचालन कारी मोहम्मद अवैस रजा ने किया। इस अवसर पर मौलाना सैयद मोहिब्बुल हक ने बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम ने हमेशा अमन और शांति का संदेश दिया है। और जाति पांति और धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत की सेवा की है ।मौलाना मोहम्मद मुख्तार उल हसन फाजले बगदाद ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि कुरान की पहली आयत ही तालीम हासिल करने पर जोर देती है । उन्होंने कहा कि मजहब इस्लाम में हर जायज तालीम हासिल करने का हुक्म दिया गया है। इस्लाम में तालीम को हासिल करना फर्ज करार दिया गया है। हमें दीन और दुनिया दोनों तालीम हासिल करनी चाहिए, क्योंकि तालीम ही तरक्की का पहला जीना है ।तालीम के बिना इंसान तरक्की नहीं कर सकता है।इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को इस्लामी तालीम के मुताबिक जिंदगी गुजारने की नसीहत करें, और देश के नवनिर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें। मुफ्ती शमशुल कमर अलीमी इमाम जामा मस्जिद टाटशाह ने कहा कि मोहम्मद साहब की मेराज आसमान पर हुई ,और उम्मती की मेराज नमाज में है ।जामिया इस्लामिया रौनाही के प्रबंधक कारी जलालुद्दीन ने हाफिज ए कुरान की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा की कयामत के दिन हाफिज ए कुरान 5 पीढ़ियों की मगफिरत करवाएंगे । इस मौके पर मौलाना नूरुलहुदा ,मौलाना अनवार नईमी ,कारी रईस खान, कारी फारूक ,कारी अब्दुस्ससलाम, कारी मारूफ,आदि अन्य उलमा ए कराम ने शिरकत की। कार्यक्रम के अंत में मदरसा इब्राहिमया गुलशन औलिया अयोध्या से फारिग होने वाले 4 बच्चों की दस्तारबंदी भी की गई। खादिम दरगाह बाबा जुनेद कादरी ने आए हुए मेहमानों के प्रति आभार प्रकट किया।कार्यक्रम के अंत में मुल्क की सलामती कायम रहने की दुआ की गई। उक्त अवसर पर डाक्टर शकील अहमद की ओर से जुनेद आलम के हाथों उपाधि पाए हुए छात्रों को कुरान शरीफ बतौर तोहफा और नगद राशि वितरित किया। इस अवसर पर आशिक अली , मोहम्मद चांद, महफूज अहमद वारसी, निसार अहमद कादरी, डॉक्टर शकील अहमद,आफ अहमद, निजामुद्दीन, मौलवी मुजब अली, सद्दाम हुसैन शिब्लू, जाहिद खान वारसी, शाहिद आदि लोग उपस्थित थे।