मौसम दिवस के अवसर पर हुई किसान जागरूकता का हुआ आयोजन
अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में कार्यरत मौसम विभाग द्वारा संचालित ’ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना’ भारत मौसम विभाग द्वारा वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के कुशल दिशा निर्देशन में मौसम दिवस के अवसर पर मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाओं के बारे में किसान जागरूकता का आयोजन किया गया।
उक्त अवसर पर परियोजना के मुख्य नोडल अधिकारी डॉ सीताराम मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष विश्व मौसम दिवस मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि देश के विभिन्न हिस्सों में बैठकर संगोष्ठी या इतिहास के माध्यम से मौसम विशेषज्ञ आपस में विचार कर अपने अनुभव को साझा करते हैं तथा इस विषय पर चर्चा करते हैं की उभरते विज्ञान के ज्ञान की संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए कैसे बेहतर उपयोग किया जाए विभागाध्यक्ष कृषि मौसम विज्ञान विभाग डॉक्टर सीताराम ने बताया कि आजकल मौसम विज्ञान अत्यंत उन्नत स्तर पर पहुंच गया है। विभिन्न आधुनिक उपकरणों के उपयोग से आज हम मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए अग्रसर हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ रामजीत ने मौसम पूर्वानुमान एवं मौसम की कृषि परामर्श सेवाओं का समय से पालन करने से फसलों को होने वाली क्षति से बचाव हेतु किसान गोष्ठी में विस्तृत चर्चा किया । इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार और डॉ विद्यासागर ने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए।
शस्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार सिंह ने मौसम आधारित कृषि कार्य करने से फसलों की उत्पादकता कैसे बढ़ती है, की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि अनुकूल मौसम का लाभ उठाते हुए एवं प्रतिकूल मौसम से फसलों की क्षति को कम करके, कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण रूप से योगदान कर सकते हैं । मौसम पूर्वानुमान से फसलों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और अनुकूल मौसम का लाभ उठाते हुए कृषि उत्पादन में वृद्धि करने एवं लागत में कमी के पर विस्तृत चर्चा कर जानकारी दी। परियोजना के कृषि मौसम विज्ञानिक डाँ अमरनाथ मिश्र ने किसानों को भारत मौसम विभाग द्वारा विकसित मेघदूत एवं मौसम ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेषित किया तथा किसानों को आकाशीय बिजली पूर्व चेतावनी के लिए भारत मौसम विभाग द्वारा विकसित दामिनी ऐप को डाउनलोड कर प्रयोग करने की सलाह दिया।
उक्त अवसर पर पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पशुओं में विभिन्न रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण वह प्रतिकूल मौसम में दुग्ध उत्पादन में कमी ना आए या बाह्य परजीवीओं से बचाव हेतु विस्तार से चर्चा की। कीट वैज्ञानिक डॉ आर बी सिंह ने मौसम जनित कीट पतंगों से फसलों को बचाने के उपायों को बताया । कार्यक्रम में लगभग 135 किसानों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद प्रस्ताव डाँ अमरनाथ मिश्रा द्वारा किया गया।