-एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
अयोध्या। अपर आयुक्त प्रशासन अजयकान्त सैनी की अध्यक्षता में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जनहित गारंटी अधिनियम 2011 तथा उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली 2015 से सम्बंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्रशासनिक सुधार विभाग के स्टेट रिसोर्स पर्सन डा. राहुल सिंह तथा राजाराम द्वारा आयुक्त सभाकक्ष में किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्टेट रिसोर्स पर्सन आर0टी0आई0 ने जनसूचना अधिकार से सम्बंधित मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुये जनसूचना अधिकार अधिनियम व उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 की धाराओं व नियमावली की विस्तृत जानकारी दी गयी।
अपर आयुक्त प्रशासन अजयकान्त सैनी ने कहा कि जनसूचना अधिकार अधिनियम व जनहित गारंटी अधिनियम के तहत आवेदकों द्वारा मांगी गयी कार्यालयों में उपलब्ध जानकारी के अनुसार उन्हें प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यह भी परीक्षण करें कि क्या वह सूचना देने योग्य है उसका भी परीक्षण करें तथा यदि सूचना देने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 व उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 के एक्ट व नियमों को एक बार अवश्य पढ़ लें। जनसूचना के प्राप्त आवेदनों को निर्धारित समय अवधि के अन्दर निस्तारित करना सुनिश्चित करें तथा जो आवेदन कार्यालय सम्बंधित नही है उसको 5 दिवस के अन्दर सम्बंधित कार्यालय को अग्रसारित करें। उन्होंने कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी/जनसूचना अधिकारी नियमित रूप से आर0टी0आई0 का निस्तारण करायें।
एस0आर0पी0 आर0टी0आई0 राजाराम ने बताया कि उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की 406 विभागीय सेवाएं एवं सभी विभागों की अधिष्ठान से संबंधित 10 कॉमन सेवाएं अधिसूचित की गई हैं जिनका संबंधित विभागों/कार्यालयों के पदाभिहित अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय के अन्दर निस्तारण किया जाना है। अधिसूचित सेवाओं को समयबद्ध रूप से आवेदकों को उपलब्ध नहीं कराए पर उन पर द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा अधिकतम 5000 रूपये का अर्थदंड अधिरोपित किया जा सकता है जो संबंधित के वेतन से वसूल कर सरकारी कोष में जमा किया जाएगा और संबंधित पदाभिहित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के समयबद्ध निस्तारण का अनुश्रवण एवं समीक्षा राज्य स्तर पर मुख्य निरीक्षक, राजकीय कार्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा तथा मंडल स्तर पर नामित मंडलीय नोडल अधिकारी द्वारा आयुक्त के निर्देशन में माह में एकबार की जाएगी।