आचार्य नरेन्द्र देव व सरदार पटेल की जयंती पर हुई परिचर्चा
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल के संदेश एवं शिक्षाविद्व आचार्य नरेन्द्र देव के विचारों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यकम को संबोधित करते हुए प्रति कुलपति प्रो0 एस0 एन0 शुक्ल ने बताया कि भारत एक महान परम्परा का देश है। भारत महापुरूषों की भूमि है इसकी एक लम्बी श्रंखला है। महापुरूषों के विचारों से और उनके जीवन पद्धति से काफी कुछ सीखा जा सकता है। सरदार पटेल का अखंड भारत के निर्माण में अहम भूमिका रही है। वे एक दृढ़ इच्छा शक्ति एवं भविष्य दृष्टा के रूप में जाने जाते थे। उनकी राजनैतिक कुशलता का लोहा समूचा जनमानस मानता है। शिक्षाविद्व आचार्य नरेन्द्र देव के प्रति विचार व्यक्त करते हुए प्रो0 शुक्ल ने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव का जीवन एक आदर्श समाजवाद और राष्ट्रीय प्रेम से ओतप्रोत था। इसे राजनीतिक नवाचार की दृष्टि से देखा जा सकता है। अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने कहा कि यह एक अद्भुत संयोग है कि भारत की दो महान विभूतियों का जन्म एक साथ मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि वर्तमान पीढ़ी को सरदार वल्लभभाई पटेल एवं आचार्य नरेन्द्र देव के के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचय कराया जाये। आने वाली पीढ़ी इन विभूतियों से प्रेरित हो सके।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा, सरदार पटेल और आचार्य नरेन्द्र देव जी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। उसके उपरांत प्रति कुलपति प्रो0 एस0 एन0 शुक्ल एवं कुलसचिव रामचन्द्र अवस्थी ने शिक्षकों, अधिकारियों एवं छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई गयी। कार्यक्रम का संचालन माइक्राबायोलॉजी विभाग के डॉ0 शैलेन्द्र कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो0 मृदुला मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उपकुलसचिव विनय कुमार सिंह, डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 अनिल मिश्र, डॉ0 विनय मिश्र, डॉ0 मुकेश वर्मा, डॉ0 अर्जुन सिंह, डॉ0 महेन्द्र पाल, डॉ0 त्रिलोकी यादव, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 मणिकांत त्रिपाठी, डॉ0 सघर्ष सिंह, कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ0 राजेश सिंह, देवेन्द्र वर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रही।