-भाकियू अराजनैतिक ने सदर तहसील के सामने किया धरना प्रदर्शन
अयोध्या। जनपद के सदर तहसील स्थित तिकोनिया पार्क में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने जिला अध्यक्ष अरविंद यादव की अगुवाई में किसानों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर एक विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया। धरने के दौरान किसानों ने अपने हक़ की आवाज़ बुलंद करते हुए रेलवे मंत्री को पाँच सूत्रीय ज्ञापन आयुक्त, अयोध्या मंडल के माध्यम से सौंपा। धरने की अध्यक्षता करते हुए अरविंद यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा -“रेलवे परियोजना के नाम पर जयसिंहपुर बागबिजैसी और माझा बराहटा गांव के किसानों की ज़मीनें छीनी जा रही हैं।
यह वही खेत हैं जहाँ पीढ़ियों से किसानों का पसीना बहा और अन्न उपजा। सरकार आज इन खेतों को छीन रही है, लेकिन किसानों को न सही मुआवज़ा मिल रहा है, न रहने का ठिकाना और न ही भविष्य की गारंटी। श्री अरविंद यादव ने धन्य को संबोधित करते हुए आगे कहा की -अगर किसानों की आवाज़ दबाई गई तो यह आंदोलन सड़क से संसद तक गूंजेगा। सरकार से किसान यूनियन की मांग है कि किसानों को उनकी ज़मीन का बाजार भाव पर पूरा मुआवज़ा दिया जाए। प्रभावित परिवारों के कम से कम दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी दी जाए। जिनके घर उजड़ रहे हैं, उन्हें रेलवे कॉलोनी में पक्का मकान दिया जाए। किसानों के साथ हो रहे अन्याय और शोषण की प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाए।
धरने को संबोधित करते हुए किसान यूनियन की तरफ से चेतावनी देते हुए अरविंद यादव ने कहा की -यह लड़ाई सिर्फ जयसिंहपुर और माझा बराहटा की नहीं, बल्कि पूरे देश के अन्नदाताओं की आवाज़ है। “अगर खेत सूने होंगे तो हिंदुस्तान की रसोई सूनी होगी।” “अगर अन्नदाता रोएगा तो देश मुस्कुरा नहीं पाएगा।” और याद रखो “किसान का पसीना खेत में गिरेगा तो अन्न उपजेगा, लेकिन अगर किसान सड़क पर उतर गया तो सत्ता की जड़ें हिल जाएंगी।
धरने में सैकड़ों किसानों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। प्रमुख रूप से प्रदेश सचिव जगतपाल सिंह, मंडल महासचिव जिलाजीत वर्मा, महिला जिला अध्यक्षः सविता मौर्य, जिला महासचिव राम अभिलाख यादव, संगठन मंत्री सुष्मिता, महिला प्रतिनिधि मंजू, तारावती, मालती, श्यामकाली, राजकुमारी, रामवती, रीना, राजरानी, अर्जुन मौर्या, अजय यादव, राजमणि यादव, रामसवारे यादव, रविंद्र तिवारी, रामप्यारी धुरिया, जे.पी. किसान, अजय यादव संजय यादव, रामबचन मौर्य, दीपक सोनकर, नीरज सोनकर, अजय सोनकर, मोहित सोनकर, ज्योति सोनकर, पूजा सोनकर, आदि सैकड़ों किसान शामिल रहे। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने साफ कहा है कि “किसान का हक़ छीना गया तो संघर्ष और उग्र होगा।”