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न्यायालय व डीएम का भी आदेश नही मानते नजूल अधिकारी
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नायब नजूल नही हटा रहे है अतिक्रमण,मुख्यमंत्री व डीएम से की गई शिकायत
फैजाबाद। भू माफियाओ को कथित रूप से संरक्षण दे रहें नजूल अधिकारियों पर अब जिलाधिकारी का आदेश भी बेअसर साबित हो रहा है। जिलाधिकारी द्वारा नजूल अधिकारियों को अल्टीमेटम देने के बाद भी नजूल अधिकारी जिलाधिकारी और न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराना उचित नहीं समझ रहे हैं। ऐसे में भू माफियाओं पर नकेल कसने के सरकार के दावे और प्रशासन के वादे को अमलीजामा कैसे पहनाया जा सकेगा अब यह बड़ा सवाल है।जनता दरबार और ऑनलाइन पोर्टल पर की गई इन शिकायतों में शिकायतकर्ता अमिताभ श्रीवास्तव ने नजूल अधिकारियों पर न्यायालय, व जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना तथा भू माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा दो बार लिखित रूप से नजूल अधिकारियों को तत्काल न्यायालय आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया जा चुका है। इसके बावजूद अवैध कब्जेदारों से मिलीभगत कर नजूल अधिकारी आदेश का अनुपालन नही करा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक मामला अयोध्या के वशिष्ठ कुण्ड मोहल्ले का है । यहाँ स्थानीय निवासी उदय प्रकाश द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर अवैध निर्माण कर रास्ता बंद कर दिया गया है। पूर्व में इसकी शिकायत व तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर अतिक्रमण कर्ता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने,धारा 133 का वाद चलाने तथा ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया था। रेजीडेंट मजिस्ट्रेट न्यायालय में विचाराधीन रहे धारा 133 के वाद में गत 19 फरवरी को न्यायालय ने नायब नजूल तहसीलदार को पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अतिक्रमणकर्ता द्वारा इस आदेश को चुनौती देने पर गत 17 अप्रैल को अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय ने अतिक्रमणकर्ता की अपील निरस्त कर रेजीडेंट मजिस्ट्रेट के आदेश को बहाल कर दिया था। नायब नजूल तहसीलदार द्वारा न्यायालय आदेश का अनुपालन न करने पर शिकायतकर्ता ने गत 18 जून को जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया था। इस पर 19 जून को जिलाधिकारी द्वारा उपजिलाधिकारी सदर को, 29 जून को उपजिलाधिकारी सदर द्वारा प्रभारी अधिकारी नजूल को तथा 24 अगस्त को जिलाधिकारी द्वारा फिर से एक सप्ताह का समय देकर प्रभारी अधिकारी नजूल को न्यायालय आदेश का तत्काल अनुपालन कराने तथा अधोहस्ताक्षरी व शिकायतकर्ता को सूचित करने का निर्देश दिया था। नायब नजूल तहसीलदार की माँग पर डीजीसी ने मामले में स्थगन न होने पर अतिक्रमण हटाये जा सकने की राय भी दे दी और वर्तमान में अतिक्रमणकारियो के पास कोई स्थगन आदेश भी नही है। इसके बावजूद नायब नजूल तहसीलदार द्वारा न तो न्यायालय आदेश का अनुपालन कराया जा रहा है और न ही जिलाधिकारी के आदेश का।
इस बीच अधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता श्री श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि नायब नजूल तहसीलदार ने शिकायतकर्ता से उनके पेशकार से न मिलने तक न्यायालय आदेश का अनुपालन न कराने और अधिकारियों को गुमराह करके प्रकरण लंबित होने के तर्क की आड़ में अनुपालन लंबित रखने की बात कही है। शिकायतकर्ता के अनुसार नायब नजूल तहसीलदार भू माफियाओं से मिलकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे है और अपने पद का दुरुपयोग करते हुये आदेश का अनुपालन न कराकर सरकारी रास्ते पर अवैध कब्जा करा रहे हैं। नायब नजूल के उनके पद पर रहते हुए न्यायालय आदेश का अनुपालन नही हो सकता। शिकायतकर्ता ने नायब नजूल के विरुद्ध जांच व कार्यवाही की मांग भी की है।