कोरोना काल मे सेवा भाव व सहयोग संक्रमित हो : डा आनंद
अयोध्या। वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते लाकडाउन में हमारी व्यावसायिक , आर्थिक,सामाजिक गतिविधियों पर लगे विराम का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है, कोरोना से बचाव की सतर्कता के बीच अन्य शारीरिक बीमारियों से सावधान रहते हुए लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नही किया जाना चाहिए क्योंकि इतने दिनों की जीवनशैली जब हमारे आचरण में समावेशित होगी तो उसका व्यापक और दूरगामी असर पीढ़ियों में नजर आएगा।उक्त विचार जनपद के वरिष्ठ होम्योपैथ डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर कोरोना काल मे भी जन जन समाचारों के जरिये अपनी लेखनी की अविरत साधना में लगे पत्रकारों को आयुष मंत्रालय भारत सरकार के दिशानिर्देशनुरूप होम्योपैथी औषधि आर्सेनिक एलबम उपलब्ध कराते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा संक्रमण से बचने के लिए घरों में कैद बच्चे बड़ों सभी में अलग अलग तरह के तनाव, बैचैनी, अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं इसलिए परस्पर अधिकाधिक सकारात्मक संवाद ,स्वस्थ चिंतन स्वस्थजीवनशैली का पालन कर अपनी मनस्थिति व इम्युनिटी दोनों को मजबूत रख संक्रमण के खतरे से बच सकते हैं। डा त्रिपाठी विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल से ही होम्योपैथी महासंघ व आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वाधान में पूर्वह 11 से 2 व 5-7 बजे निःशुल्क होलिस्टिक टेलिकन्सल्टेशन सेवा का संयोजन भी कर रहे है जिसके जरिये अब तक 2000 से अधिक लोग स्वास्थ्य सम्बन्धी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर चुके हैं।इसी क्रम में उन्होंने आवश्यकतानुसार लोगों को होम्योपैथी आर्सेनिक एलबम की निःशुल्क खुराकें वितरित करना भी शुरू किया, जिसमे सेवा कार्यों में लगे कर्मियों, पत्रकारों, सहित सामान्य जन को भी दवा उपलब्ध कराएं जाने की योजना है।उपस्थित सेवा भारती के विभाग संगठन मंत्री डॉ आनंद उपाध्याय ने कहा समाज मे सेवा और सहयोग की भावना आपदाकाल में संक्रमित हो और स्वच्छता सतर्कता से संक्रमण को रोक सकें इन सारे उपायों में समाज और सेवा भारती एक दूसरे के साथ खड़े हैं। उधर आपदा राहत शिविर में पथिकों के लिए दो माह से निरन्तर भोजन, जल, जलपान, दुध, पादुका, काढ़ा,फल, आदि सेवाएं जारी हैं।