अयोध्या। हिंदू महासभा के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 159वीं जयंती लक्ष्मण घाट अयोध्या स्थित नया मंदिर शीश महल में धूमधाम के साथ मनाई गई, मालवीय जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि देश के एकमात्र पहले और अंतिम महामना उपाधि धारक मालवीय जी एक उच्च कोटि के अधिवक्ता, शिक्षक पत्रकार समाज सुधारक और हिंदू धर्म की ध्वजा के वाहक, सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति तथा आत्मत्याग में अद्वितीय थे।वे ना सिर्फ हिंदी भाषा के उत्थानकर्ता के रूप में बल्कि गाय गीता और गंगा के अनन्य भक्त के रूप में मालवीय जी की सेवाएं अद्वितीय हैं हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष महंत रामलोचन शरण शास्त्री राजन बाबा ने कहा कि वे समस्त आचरणों पर वे केवल उपदेश ही नहीं दिया करते थे अपितु स्वयं उनका पालन भी किया करते थे। वे अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे।हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित विधि पूजन पांडे ने कहा कि मालवीय जी का सपना अखंड भारत का निर्माण होते हुए देखना था उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान होते हुए इस भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए, हिंदू महासभा के जिला महामंत्री चंद्रहास दीक्षित ने कहा कि विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो अपने जीवन में हिंदी हिंदुत्व और हिंदुस्तान का स्वप्न देखा और उसको पूर्ण करने के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया महामना की जयंती कार्यक्रम में प्रमुख रुप से मंदिर के महंत सिया शरण महाराज हिंदू महासभा के जिला उपाध्यक्ष दुर्गेश मिश्र, जिला संगठन मंत्री अजय शुक्ला, जिला मंत्री अनुपम तिवारी, जिला मंत्री शिवेंद्र मिश्र, पंडित नंदकिशोर मिश्रा सहित अन्य हिंदू महासभाई उपस्थित रहे।
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