-एसडीएम पर विधवा व उसकी दो बच्चों को घर से बाहर निकालने का आरोप
अयोध्या। शहर में एक परिवार में सम्पत्ति विवाद को लेकर काफी हो हल्ला मच गया। महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। जिसमें सदर एसडीएम पर भी आरोप लगे हैं।
दो दिन से संपत्ति विवाद को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है। यहां एसडीएम सदर ज्योति सिंह पर एक विधवा महिला को उसके मासूम बच्चियों के साथ घर से बाहर निकालने का आरोप लगा है। सूचना पर शुक्रवार को मौके पर पहुंची राज्य महिला आयोग सदस्य इंद्रावास सिंह की टीम ने पीड़ित महिला को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
मामला जिला मुख्यालय के विवेकानंदपुरम कॉलोनी का है। यहां रहने वाली विधवा और उसके दो मासूम बच्चियों को रात के समय बिना पूर्व सूचना के घर से बाहर निकाल दिया गया। महिला दोंनो बच्चों को लेकर घर के बाहर ही खड़ी रही। एसडीएम सदर पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया। मामले की सूचना पर पहुंची महिला संगठनों व राज्य महिला आयोग सदस्य इंद्रावास सिंह की टीम ने पीड़ित महिला को उचित न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।
वही पीड़ित महिला ने कहना है कि उनके पति की 2017 में मौत हो चुकी है। जिसके बाद उनके देवर से उनका संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। लेकिन बीती रात एसडीएम सदर के आदेश पर बिना किसी पूर्व सूचना के मुझे और मेरे दोनो बच्चों को घर से बाहर कर दिया गया। महिला आयोग की सदस्य इंद्रावास सिंह का कहना है कि मानवीय संवेदना के आधार पर महिला का सामान घर के अंदर रखने की मांग की है। वहीं मौके पर पहुंची एसडीएम सदर ज्योति सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि शिकायत के बाद मामले में कार्रवाई की गई।महिला को घर से निकाले जाने के मामले पर राज्य महिला आयोग की सदस्य इंद्रावास सिंह की हस्तक्षेप के बाद बैकफुट पर एसडीएम सदर ज्योति सिंह आई।
एसडीएम सदर ज्योति सिंह का कहना है कि विधवा महिला से कहा गया घर में अपना सामान रखे। घर में रहकर कोर्ट की मदद ले सकती हैं।उन्होंने कहा महिला को निकाला नहीं गया था। वह खुद अपना घर से सामान लेकर निकली थी।जिस मकान में रह रही विधवा महिला वह मकान उसके देवर के नाम है।यह पर्सनल प्रॉपर्टी है। पैतृक नहीं हैं।फिर भी कोर्ट की मदद महिला ले सकती हैं।