मनोपरामर्श प्रशिक्षण सत्र का हुआ समापन
अयोध्या। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व सिफ़्सा के संयुक्त तत्वधान में यूथ फ्रेंडली केंद्र क्यू क्लब के 40 छात्र प्रशिक्षार्थियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में सम्पन्न हुआ ।इस प्रशिक्षण कार्यशाला में युवाओं के विभिन्न मनोस्वास्थ्य समस्याओं का निदान व समाधान का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया । युवा मनोपरामर्श की यह अग्रणी योजना एन एस एस वॉलन्टिअर्स के सहयोग से की गयी जिसके लिए चयनित पूर्व प्रशिक्षित 25 पीयर एजुकेटर्स के सहयोग से 2 दिवसीय छात्र प्रशिक्षण सत्र का समापन क्यू क्लब के नोडल अधिकारी व समाजकार्य विभाग के समन्यवक डॉ विनय मिश्रा द्वारा किया गया।ट्रेनिंग सत्र का संचालन सिफ़सा के कार्यक्रम अधिकारी डॉ दिनेश सिंह द्वारा किया गया। सिफ़्सा के प्रमुख किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने किशोर व युवा के मनोगतिकीय पहलू का विश्लेषण करते हुए बताया कि 70 फीसदी से अधिक छात्र छात्रायें इंट्रोवर्ट या अंतर्मुखी होने के साथ ही ऑब्सेसिव पर्सनालिटी या अनचाहे नकारात्मक विचारों व मनोभावों से ग्रषित है और इन नकारात्मक भावों से क्षद्म शुकुन की प्राप्ति के लिए रुग्ण मनोरक्षा युक्तिओं के चंगुल में फंसकर अपने आत्मविश्वास को और भी कमजोर करती जाती है।
डॉ मनदर्शन ने बताया कि मनोयुक्तियां या मनोरक्षा युक्तियाँ वे मानसिक प्रक्रियाएं है जिनका प्रयोग हमारा अर्धचेतन मन विपरीत या चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए और त्वरित मनोशुकुन प्राप्त करने के लिए करता है। इसमे एक कैटेगरी तो सकारात्मक या स्वस्थ होती है,बाकी तीन केटेगरी रुग्ण या नकारात्मक होती है,जिसमें हम चुनौतियों से असहाय व निराश हो कर हमदर्दी के पात्र बनना पसंद करने लगते है और फिर जीवन भर हम इन्ही रुग्ण मनोयुक्तियों के चंगुल में फंस कर अपनी क्षमता का सम्यक उपयोग नही कर पाते है और असफल और नैराश्य भरा जीवन जीने लगते है।इन रुग्ण मनोरक्षा युक्तियों में इम्मेच्योर मनोरक्षा युक्ति, न्यूरोटिक मनोरक्षा युक्ति तथा सायकोटिक युक्ति शामिल है। जबकि सकारात्मक व स्वस्थ मनोरक्षा युक्ति मेच्योर युक्ति कहलाती है,इसमे मुख्य रूप से खुशमिज़ाजी,मानवीय संवेदना,सप्रेशन व सब्लीमेंशन आतें है।प्रशिक्षण के समापन सत्र में क्विज़ प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को राजेन्द्र चौधरी प्रथम, क्षमा सोनी द्वितीय, कुमुदलता तृतीय व रिज़वान बेग तथा राजकिरण को सान्त्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।