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स्वास्थ्य विभाग की मेहनत रंग लाई, 34 महिलाओं ने कराई नसबंदी

सीएचसी मयाबाजार में शिविर लगाकर की गई नसबंदी

अयोध्या। विश्व जनसंख्या पखवाड़े के दौरान जिले में परिवार नियोजन की सेवायें दी जा रहीं हैं इसी के तहत मयाबाजार ब्लाक में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 34 महिलाओं ने नसबंदी सेवा को अपनाया । ऑपरेशन के बाद महिलाओं को एंबुलेंस की सहायता से उनके घरों तक भेजा गया ।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. आरके सक्सेना ने बताया कि विश्व जनसंख्या पखवाड़े के तहत बृहस्पतिवार को मायाबजार ब्लॉक में नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया । कैंप में 34 महिलाओं को नसबंदी की सेवा दी गयी । उन्होने बताया कि परिवार नियोजन के मामले में पुरुष अब भी अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं जबकि खुशहाल परिवार के लिए पुरुषों की भागदारी उतनी ही आवश्यक है जितनी महिला की । एसीएमओ ने बताया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता आशा और एएनएम की ही मेहनत है जोकि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ 34 महिला नसबंदी हुई है।

विश्व जनसंख्या पखवाड़े के दौरान 99 महिलाओं ने ली नसबंदी की सेवा

महिला नसबंदी शिविरों का आयोजन चिकित्सा अधीक्षक डॉ अंशुमान यादव ,स्टाफ नर्स , काउंसलर की देखरेख में किया जा रहा है द्य मयाबाजार में प्रतिदिन परिवार नियोजन के साधन इच्छा अनुसार दिए जा रहे हैं। सीएचसी मयाबाजार के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुमान यादव ने बताया कि पहली बार इतनी बढ़ी संख्या में एक साथ 34 महिला नसबंदी हुई है । सीएचसी पर कोरोना से निपटने के साथ ही अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां एवं परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श दिया गया है। नसबंदी कराने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि उनके खाते में भेजी जाएगी ।उन्होंने ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में सीएचसी के एचईओ , बीपीम ,बीसीपीएम के साथ आशा और एएनएम का बहुत बढ़ा योगदान रहता है आशा कार्यकर्ताओं के प्रयास से अब तक विश्व जनसंख्या पखवाड़े के दौरान 99 महिला नसबंदी कराई जा चुकी हैं।

सिमरिया मलखान की रहने वाली 28 वर्षीय महिला काल्पनिक नाम पूजा ने सीएचसी पर लगे नसबंदी शिविर में अपनी नसबंदी कराई उन्होंने बताया कि मेरे तीन बेटे हैं अब और बच्चे नहीं चाहते है द्य न्यू कबीरपुर की रहने वाली मया देवी इनकी आयु 30 वर्ष है इनके 4 बच्चे है इन्होने कहा कि वे आगे बच्चे नही चाहिए इसलिए नसबंदी करवाई है। मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये की राशि दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशाओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पीपीआईयूसीडी लगवाने वाली महिला को 300 रूपए और सेवा प्रदाता को 150 रूपए की धनराशि दी जाती है द्य अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस दौरान सीएचसी पर बीपीएम बीसीपीएम परिवार नियोजन सलाहकार, आशा कार्यकर्त्ता और लाभार्थी मौजूद रहे ।

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