विधायक निधि से जिला चिकित्सालय में लगायी जाय सीटी स्कैन मशीन
अयोध्या। ग्रामीण क्षेत्र के तमाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात महिला डाक्टरों का उत्पीड़न क्षेत्रीय नर्सिंग होम संचालकों के इशारे पर किया जा रहा है। अखिल भारतीय सवर्ण सेवा संगठन ने प्रकरण की जांच कराने और दोषियों के विरूद्ध जांच करवाने की मांग शासन प्रशासन से किया है। यह जानकारी संगठन की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष निरूपमा मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में दिया।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जब कोई महिला डाक्टर तैनात होती है तो नर्सिंग होम संचालकों की पीड़ा बढ़ जाती है और उत्पीड़न के अलवां ऐन-केन-प्रकारेण उन्हें हटवा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सीएचसी पूराबाजार मंे तैनात डा. स्मिता मिश्रा को हटाकर जिला महिला चिकित्सालय से सम्बद्ध कर दिया गया। सीएचसी बीकापुर की डा. कुमारी प्रभा सिंह ने उत्पीड़न से तंग आकर नौकरी ही छोड़ दी। दूसरी और सीएचसी रूदौली में तैनात डा. सुषमा त्रिवेदी की संविदा नाटकीय ढंग से समाप्त कर दी गयी। होता यह है कि सीएचसी में जब महिला चिकित्सक की नियुक्ति हो जाती है तो सीजर आपरेशन के द्वारा शिशु का जन्म कराने की सुविधा लोगों को निःशुल्क मिलने लगती है जिससे नर्सिंग होम संचालकों और केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षकों की ऊपरी कमाई पर विराम लग जाता है।
संगठन के जिला महासचिव आर.के. लाल ने बताया कि मेडिकल कालेज में सिटी स्कैन पीपीपी माडल पर है जो लाइसेंस न मिलने के कारण अभी सफेद हाथी बना है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग किया है कि विधायकों के निधि से 50-50 लाख काटकर जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन मशीन लगायी जाय। इस सम्बंध में संगठन ने जिलाधिकारी, जिला चिकित्सालय के सीएमएस, के अलावां मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सकल दूबे भी मौजूद रहे।