-सरयू तट पर उमड़ा रहा आस्था का सैलाब, चुहुओर रहा उल्लास
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पावन सरयू के तट पर आस्था का सैलाब उमड पड़ा. सुबह से ही श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर दर्शन पूजन के साथ गुरु शिष्य की परंपरा का भी निर्वहन किया।
प्रचीनतम परंपरा में गुरु का स्थान अप्रतिम है, गुरु की तुलना ब्रह्मा, विष्णु और महेश से की गई है। गुरुपूर्णिमा के मौके पर रामनगरी में यह सच्चाई पूरी भव्यता से बयां हुई।बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी से जुड़े श्रीमहंत ज्ञानदास जी महाराज के आवास पर भी गुरुपूर्णिमा की रौनक छाई रही।श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के चरणों में आस्था अर्पित करने वालों का सैलाब उमड़ा।
भक्तों की लंबी कतार पूरे दिन श्रीमहंत ज्ञानदास जी की चरण रज लेने के लिए उत्सुक रही।उनके उत्तराधिकारी संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजयदास सहित अन्य शिष्य महंत रामप्रसाददास, वरिष्ठ पुजारी हेमंतदास, महंत अजितदास, महंत रामदास,अभिषेक दास, अंकित दास,रामानंद दास, विराट दास, अभय दास,शिवम श्रीवास्तव के अलावा राजस्थान, हरियाणा,कलकत्ता आदि प्रांतों के सैकड़ों भक्तों ने श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज का पूजन कर उनकी आरती उतारी।
तो वही हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास जी महाराज का पूजन कृपापात्र शिष्य हनुमत संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य महंत डा महेश दास व मामा दास जी के संयोजन में बड़ी ही भव्यता के साथ मनाया गया।
आचार्य पीठ लक्ष्मण किला मे भी गुरुपूर्णिमा के मौके पर आस्था के केंद्र में रहा। महोत्सव का शुभारंभ किलाधीश महंत मैथली रमण शरण ने पीठ के संस्थापक आचार्य स्वामी युगलानन्द शरण के विग्रह सहित अन्य पूर्वाचार्यों का पूजन-अभिषेक कर किया।
तदुपरांत देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने महंत मैथली रमण शरण का पूजन शुरू किया। व्यवस्था में मंदिर के अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण लगे रहे। रामानुज परंपरा की शीर्ष पीठ जहां भगवान का नामकरण संस्कार हुआ था रामलला देवस्थान में भी गरुपूर्णिमा का गौरव बयां हुआ। पीठाधिपति जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी डा राघवाचार्य के संयोजन में प्रातः से ही आचार्य पूजन का सिलसिला शुरू हुआ।
पूर्वाह्न दूर-दराज से आए भक्तों ने स्वामी राघवाचार्य का पूजन शुरू किया। प्रतिष्ठित पीठ सियाराम किला झुनकी घाट मंदिर के महंत करुणानिधान शरण व प्रख्यात कथावाचक मंदिर के अधिकारी प्रभंजनानन्द शरण ने संस्थापक एवं साधना-सिद्धि के पर्याय रहे स्वामी झुनझुनियां बाबा सहित अन्य पूर्वाचार्यों का पूजन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। पूजन करने वालों में मंदिर से जुड़े शिष्य समाजसेवी उत्तम बंसल व गरिमा बंसल ने गुरु पूजा की।
अनुष्ठान के क्रम में दर्जनों साधकों ने सुंदरकांड का सामूहिक पारायण किया। मधुर उपासना परंपरा की प्रधान पीठ रंगमहल में भी गुरुपूजन की छटा बिखरी। रंगमहल के महंत रामशरणदास ने पूजन की शुरुआत पूर्वाचार्यों के पूजन से की। इसके बाद दूर-दराज से आए शिष्यों ने उनका पूजन शुरू किया। कार्यक्रम की व्यवस्था में पुजारी साकेत जी व राहुल जी लगे रहे।
प्रसिद्ध पीठ हनुमत निवास में पीठाधिपति महंत मिथलेश नन्दनी शरण के संयोजन में प्रातः से ही गुरु मंत्र का जप शुरू हुआ। बड़े महाराज जी पूज्य सियाशरण महाराज का पूजन किया गया। इसके बाद महंत मिथलेश नन्दनी शरण जी ने अपने उदबोधन में गुरु की महिमा का विवेचन किया। इसके बाद दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने महंत मिथलेश नन्दनी शरण का पूजन किया। राम चरित्र मानस भवन मंदिर में भी गुरु पूर्णिमा पर आस्था अर्पित हुई। महंत अर्जुन दास महाराज के संयोजन में महोत्सव मनाया गया। महोत्सव की देखरेख उनके योग्य शिष्य पार्षद अनुज दास ने किया।
श्रीअध्यात्म शक्तिपीठ में अर्पित हुई श्रद्धा
सोहावल। श्रीअध्यात्म शक्तिपीठ मुबारकगंज में रविवार को साधकों व श्रद्धालुओं ने गुरु आमिल को श्रद्धा निवेदित की। न्यास अध्यक्ष देवमित्र पांडेय, मुख्य अर्चक सुधीर पांडेय तथा आचार्य गिरिजा प्रसाद मिश्र के मार्गदर्शन में रोहित पांडेय मुन्ना ने पीठ के संस्थापक गुरुदेव रामकृष्ण पांडेय आमिल के विग्रह का षोडशोपचार पूजन किया। दतिया पीठाधीश्वर स्वामीजी महाराज के विग्रह का भी दतिया पीठ की परंपरा के अनुरूप विशेष पूजन किया गया।
भगवती तारा, मां पीतांबरा, ललिता त्रिपुरसुंदरी, भगवती महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, रुद्र महादेव, हरिद्रा गणपति, भगवान भैरव समेत सभी देवी-देवताओं के विग्रहों की विशिष्ट पूजा की गई। मौजूद साधकों ने गुरु गीता का सामूहिक पाठ किया। सामूहिक जप के उपरांत आरती हुई। अंत में सामूहिक भंडारा आयोजित किया गया। इसमें इलाहाबाद के संजय श्रीवास्तव, आलोक माथुर, लखनऊ के डा0 सुधाकर अदीब, शोभा अदीब, संजय मालवीय, मुंबई के जय प्रकाश सिंह, जय विकास सिंह, अनुराग पांडेय बिठुल, आशीष सिंह, प्रेम प्रकाश पांडेय, सुरेश विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, भाेलू सिंह, बल्लू दुबे, महेश सिंह, नागेंद्र, श्रवण जायसवाल, राम प्रकाश त्रिपाठी, बिंदेश्वरी प्रसाद मिश्र, सोनू मिश्र, मोनू मिश्र, गणेश शंकर पांडेय, राजू पांडेय समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
पौधा रोपा और मुख्य अर्चक का स्वागत
-हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, सुंदर नगर व नूरपूर से आये गुरु आमिल के शिष्यों ने मंदिर परिसर में चंदन, रुद्राक्ष, सेब तथा तेजपत्ता का पौधा रोपा। हिमाचल की श्रेष्ठा गुलेरिया, वंदना ठाकुर व मोनिका ठाकुर ने पौधरोपण के बाद मुख्य अर्चक सुधीर पांडेय को गुरु आमिल का चित्र अंगवस्त्रम तथा पादुका अर्पित कर उनका स्वागत किया।