-श्रीगुरु तेगबहादुर साहिब सेवा समिति द्वारा श्रीगुरुग्रन्थ साहिब की स्थापना व शबद कीर्तन का हुआ आयोजन

अयोध्या। श्रीगुरु तेगबहादुर के 350वें शहीदी शताब्दी के अवसर पर साकेतनिलयम, संघ कार्यालय में श्रीगुरु तेगबहादुर साहिब सेवा समिति द्वारा श्रीगुरुग्रन्थ साहिब की स्थापना व शबद कीर्तन का आयोजन सम्पन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल ने गुरु ग्रन्थ साहिब को अपने शीश पर उठाकर गुरु स्थान तक ले गए। इस अवसर पर महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने पुष्प वर्षा किया। कार्यक्रम के आयोजक श्रीगुरु तेगबहादुर साहिब सेवा समिति द्वारा श्रीगुरु तेगबहादुर के जीवन पर आधारित संक्षिप्त इतिहास परिचय पत्रक वितरण एवं विशाल लंगर का आयोजन किया गया। श्रद्धा एवं सत्कार के साथ समारोह में कई जिलों से साधु, संत व हर वर्ग, समुदाय और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित सत्संग शब्द कीर्तन कार्यक्रम में आलमबाग लखनऊ गुरुद्वारा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने सभी को उद्बोधन दिया। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि श्रीगुरु तेगबहादुर एकमात्र ऐसे संत-योद्धा हैं जिन्होंने अपने ही नहीं अपितु दूसरों के धर्म की रक्षा हेतु अपना शीश दे दिया। सन् 1675 का वह समय था जब मुगल बादशाह औरंगजेब ने पूरे हिन्दुस्तान में जबरन इस्लाम कबूल कराने का भयानक अभियान चला रखा था। कश्मीरी पण्डित सबसे ज्यादा संकट में थे। मंदिर तोड़े जा रहे थे, जजिया कर थोपा जा रहा था। विरोध करने वालों को मृत्युदण्ड दे दिया जाता था। अंत में कश्मीर के 500 ब्राह्मणों का एक दल अपने धर्म की रक्षा की गुहार लेकर आनंदपुर साहिब पहुंचा। उस समय गुरु जी अपने पुत्र,बाल गोबिंद राय जो बाद में गुरु गोबिंद सिंह कहलाए उनके साथ थे।
जब गोविंद राय ने पूछा कि इनकी रक्षा कौन कर सकता है, तो गुरु जी ने शांत स्वर में कहा “केवल कोई महान संत ही ऐसा कर सकता है।” बालक ने तुरंत कहा, “पिताजी, आपसे बड़ा संत और कौन है?” बस यही एक वाक्य था। गुरु तेग बहादुर जी ने तुरंत फैसला ले लिया। वे अपने पंच प्यारे सिखों भाई मतिदास, भाई सतिदास, भाई दयाला, भाई गुरबख्श और भाई उद्धा के साथ दिल्ली की ओर चल पड़े। उन्हें पहले आगरा फिर दिल्ली लाया गया और चांदनी चौक की कोतवाली में कैद कर लिया गया। औरंगजेब ने तीन विकल्प दिए- इस्लाम कबूल करो चमत्कार दिखाओ या मृत्यु स्वीकार करो। गुरुजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “न मैं चमत्कार दिखाऊँगा, न धर्म बदलूंगा। मैं मृत्यु चुनता हूँ।” इसके बाद जो क्रूरता हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली थी। भाई मतिदास को जीते-जी आरे से चीर दिया गया,भाई दयाला को उबलते तेल के कड़ाह में डाल दिया गया,भाई सतिदास को रुई लपेट कर जिंदा जला दिया गया। इन सबको देखकर भी गुरु जी का चेहरा शांत रहा।
24 नवम्बर 1675 को चांदनी चौक में जहाँ आज गुरुद्वारा शीश गंज साहिब है वहीं गुरु तेगबहादुर को शहीद कर दिया गया। उनका सिर काटकर अलग कर दिया गया। किन्तु यह बलिदान व्यर्थ नहीं गया। जबरन इस्लाम कबूल कराने का भयानक अभियान चलाया जा रहा था वो अभियान रुक गया। लाखों हिन्दुओं का धर्मांन्तरण होने से बच गया। यही कारण है कि गुरु जी को “हिन्द दी चादर” कहा जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने उनके बलिदान और बहादुरी के लिए लिखाः “तिलक जंजू राखा प्रभ ताका, कीनो बड़ो कलू महि साका।” आज जब देश फिर से अपनी संस्कृति और स्वाभिमान की बात कर रहा है, गुरु तेग बहादुर जी का संदेश गूंज रहा है “सिर दिया, पर सिर नहीं झुकाया।
” कार्यक्रम में श्रीमद्जगद्गुरू अर्जुनद्वाराचार्य स्वामी कृपालु रामभूषण देवाचार्य महाराज, बावन मंदिर पीठाधीश्वर महंत वैदेही बल्लभ शरण महाराज, उदासीन ऋषि आश्रम महंत डाक्टर भरत दास,श्री राम आश्रम महंत जय राम दास, सीता कांत सदन महंत रामानुजाचार्य महाराज, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सदस्य डा. अनिल मिश्रा, निर्माण प्रभारी गोपाल राव, राम कचहरी मंदिर के महंत शशि कांत दास, तुलसी दास छावनी महामण्डलेश्वर महंत जनार्दन दास, ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश तिवारी, महंत राम मिलन शरण, महामण्डलेश्वर महंत गिरीश दास,महामण्डलेश्वर महंत गणेश दास, महंत महेश दास, महंत शत्रुघ्न दास, संघ प्रांत सम्पर्क प्रमुख गंगा सिंह, रामजानकी धोबी मंदिर के महन्त क्षत्तरदास महाराज, संघ विभाग प्रचारक कृष्ण चंद्र, संघ महानगर प्रचारक सुदीप, साकेत निलयम कार्यालय प्रमुख कृष्ण चंद्र, महानगर सह सम्पर्क प्रमुख रविदास , महन्त मनीष दास , भवदीय ग्रुप कालेज के सचिव अवधेश वर्मा, महन्त संजीव दास, महन्त हरिमोहन शरण, महन्त साकेत, महन्त राजीव लोचन शरण, महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, सुरेंद्र पाल सिंह, निशु ज्ञानी, ज्ञानी नवनीत सिंह, तेजिंदर पाल सिंह, गुरमीत सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि आलोक सिंह रोहित, गोसाईगंज विधायक अभय सिंह, अयोध्या विधायक प्रतिनिधि अमल गुप्ता, संघ महानगर संघ चालक डा. विक्रमा प्रसाद पांडेय, महानगर कार्यवाह देवेन्द्र, सह कार्यवाह राहुल सिंह, ऋषिकेश उपाध्याय, सह विभाग प्रचारक शैलेन्द्र, कुटुंब प्रबोधन सह प्रमुख पवन पांडेय, प्रशांत भाटिया लखनऊ, भाजपा महानगर जिलाध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, अवध इंटरनेशनल स्कूल अध्यक्ष शान्तनु सिंह, अयोध्या के गुरुकुलो के विद्यार्थियों ने भी अपनी उपस्थिति दी सभी को पगड़ी पहनाई गई।