-श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक सम्पन्न
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि पर बने रहे भव्य राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक रविवार को सम्पन्न हो गई। बैठक में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के साथ-साथ मंदिर निर्माण की प्रगति पर चर्चा की गई। समारोह में आने वाले अतिथियों और रामभक्तों को व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने के साथ तैयारियों पर भी मंथन-चिंतन किया गया।
ट्रस्ट की ओर से बताया कि स्ट्रक्चर की दृष्टि से भूतल का कार्य लगभग पूरा हो गया है और प्रथम तल का निर्माण भी 70 फीसदी हो चुका है। दावा किया गया कि 15 नवंबर तक प्रथम तल भी पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इससे पूर्व निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कार्यदायी संस्था एलएंडटी और प्रशासन के साथ जन्मभूमि पथ और राम मंदिर निर्माण के कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा से पहले सभी सुविधाओं व जन्मभूमि पथ, यात्री सुविधा केंद्र को दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। ट्रस्ट के सहयोगी गोपाल जी राव ने रविवार को मीडिया को जानकारी दी कि भूतल का कार्य स्ट्रक्चर की दृष्टि से पूरा हो गया है और प्रथम तल भी करीब 70 फीसदी बन चुका है।
उम्मीद जताई कि 15 नवंबर तक प्रथम तल पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भूतल में मंदिरों की जो स्तम्भ है उनके ऊपर 28 मूर्तियां बनाई जा रही है। जिसमें नृत्यांगनाओं व देवी-देवताओं की 4000 मूर्तियों का काम तेजी से चल रहा है। बताया कि जन्मभूमि पथ के ऊपर शेड बनाकर छाया के लिए कैनोपी तैयार की जा रही है। बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। वहीं राम मंदिर आंदोलन के 50 वर्ष के लीगल डॉक्यूमेंट की जानकारी म्यूजियम के जरिए देने की योजना के तहत तैयार होने वाले म्यूजियम का निरीक्षण ट्रस्ट के प्रमुख सदस्यों ने किया। बताया गया कि सोमवार को सरकार की ओर से संग्रहालय ट्रस्ट को विधिक रूप से सौंपने की प्रक्रिया होगी। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि संग्रहालय बहुत सुंदर बनाया गया है।
कारसेवकपुरम में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की धार्मिक समिति की बैठक में मंदिर में होने वाली पूजा पद्धति और पुजारी के प्रशिक्षण पर चर्चा हुई। कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि धार्मिक कार्य को लेकर के जो समिति बनी है उसमें न्यास के पांच लोग है और अन्य कुछ लोगों का भी चयन किया गया है। यही सदस्य कार्यक्रमों में धार्मिक गतिविधियों का संचालन करते रहेंगे। बताया कि पूजन विधि को लेकर एक उत्तम ग्रंथ बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रामलला के वर्तमान पुजारियों के परिवर्तन को लेकर कोई इरादा नहीं है।