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आलू बीज उत्पादन पर 25 हजार प्रोत्साहन राशि देगी सरकारः सूर्य प्रताप शाही

-अखिल भारतीय समन्वित आलू अनुसंधान परियोजना की 42वीं वार्षिक समूह की बैठक, 150 सब्जी वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा

मिल्कीपुर-अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह में “अखिल भारतीय समन्वित आलू अनुसंधान परियोजना” की 42वीं वार्षिक समूह की तीन दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न राज्यों से लगभग 150 सब्जी वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ समस्त अतिथियों ने जल भरो कार्यक्रम के साथ किया। इस अवसर पर छात्राओं ने कुलगीत प्रस्तुत किया तथा आलू की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका सभी अतिथियों ने अवलोकन किया। कार्यक्रम को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों तक अच्छे आलू के किस्मों की बीज किसानों तक पहुंचे इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। कहा कि किसानों तक जब उत्तम किस्म के बीज पहुंचेंगे तो उनकी पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी और लागत भी कम लगेगा।

मंत्री शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जो भी किसान आलू बीज का उत्पादन करेंगे उन्हें सरकार 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देगी। सरकार किसानों की मदद के लिए हर कदम पर तैयार खड़ी है। कहा कि किसान भाईयों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। सरकार द्वारा जगह-जगह आलू प्रोसेसिंग इंडस्ट्री तथा नए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की गई है जिससे कि किसी प्रकार की परेशानी की सामना न करना पड़े।

विशिष्ठ अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डा. एस.के सिंह ने कहा कि किसानों को जैविक विधि से आलू की खेती करने की जरूरत है। अगर किसान जैविक विधि से खेती करते हैं तो आलू का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक साबित होगा। इस दौरान उन्होंने आलू के प्रोसेस्ड उत्पाद बनाने पर भी जोर दिया जिससे कि किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश में आलू की खेती में दूसरे फसलों के अंतर कृषि की तकनीक को अपनाने की सलाह दी।

इस मौके पर उन्होंने आलू एवं प्याज के अनुसंधान के लिए एक केंद्र विश्व विद्यालय में स्थापित करने की मांग की। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. बृजेश सिंह जी ने आलू में हो रहे अनुसंधान की विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

नई विकसित आलू की किस्म के बारे में भी बताया जिससे गुणवत्ता युक्त आलू की पैदावार बढ़ाई जा सके। विवि के निदेशक शोध डॉ. ए. के. गंगवार ने अनुसंधान का एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत किया तथा सब्जी अनुसंधान में विकसित नई तकनीकों एवं किस्मों की चर्चा की। उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. संजय पाठक के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर विभिन्न राज्यों से पहुंचे 150 वैज्ञानिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक व अन्य लोग मौजूद रहे।

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