हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली 51 विभूतियों को किया सम्मानित
अयोध्या। हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह तुलसी स्मारक भवन में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य विषय रहा हिंदी राष्ट्रभाषा क्यों? कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके एवं दीप प्रज्वलित करके किया गया। सर्व प्रथम मुख्य अतिथि का स्वागत हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ सम्राट अशोक मौर्य ने माला पहना करके किया। तत्पश्चात कार्यक्रम में आए हुए सभी सदस्यों विशिष्ट अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण करके किया गया। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीराम चौहान ने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सन 1949 से ही प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक क्यों नहीं बन पाई यह तो विचार का विषय है लेकिन अब हमारी सरकार कुछ ना कुछ ऐसा जरूर करेगी जिससे हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हो क्योंकि हिंदी ही देश की सर्वोत्कृष्ट भाषा जो पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बोली जाती है, मंत्री ने कहा यदि हमारे देश की सारी फिल्में हिंदी में बनाई जाए तो ज्यादा से ज्यादा चलेंगे भी और हिंदी का भी प्रचार होगा जिससे समाज में हिंदी भाषा का प्रचार होगा। विशिष्ट अतिथि के रुप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश सूचना आयुक्त नरेंद्र श्रीवास्तव जी ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के बैनर तले किया गया कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है। देश में बोली जाने वाली सबसे ज्यादा भाषा हिंदी ही है जो विदेशों तक फैली है । उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय में हो रहे कामकाज को हिंदी में बढ़ावा दिया जाए वहां पर रखे आगंतुक रजिस्टर को हिंदी में लिखा जाए हिंदी में हस्ताक्षर किया जाए तो शायद धीरे-धीरे हिंदी को देश की सफलतम भाषा के रूप में देखा जा सकता है, और राष्ट्रभाषा बनाने में प्रमुख सहभागिता रहेगी, कप्तानगंज विधायक ने बोलते हुए कहा कि हिंदी विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है मोदी जी ने पूरे देश में घूम घूम कर हिंदी में अपना भाषण दिया है, जिससे देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी हिंदी का सपना साकार होते दिखाई दे रहा है इसका प्रमुख कारण साक्षात मोदी जी हैं जो एक न एक दिन हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा जरुर दिलाएंगे प्रेस क्लब अयोध्या के अध्यक्ष महेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए उन सभी को प्रचार प्रसार करना होगा जितने भी सदस्य हैं सभी अगर अपने अपने क्षेत्र में प्रचार करते हैं उसका प्रसार करते हैं, लोगों को जागरूक करते हैं एक न एक दिन जरूर ही हमारी संपर्क भाषा राजभाषा परिवर्तित हो जाएगी। रानोपाली के महंत डॉ भरत दास ने कहा अर्थ का ज्ञान जब तक नहीं हो जाता तब तक हिंदी का ज्ञान होना मुश्किल है हिंदी साहित्य को ग्रहण करना मुश्किल है क्योंकि हिंदी जन-जन की भाषा होनी चाहिए अगर हिंदी का ज्ञान है तो इसके द्वारा किसी भी भाषा का आसानी से किया जा सकता है। तत्पश्चात हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 51 विभूतियों को राज्यमंत्री श्रीराम चौहान व अतिथियों ने मिलकर सभी को सम्मानित किया जिसमें प्रमुख लोगों में साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अजय मोहन श्रीवास्तव , जयराम दास, सुबोध श्रीवास्तव , जयप्रकाश सिंह ,कात्यायनी उपाध्याय ,रवि प्रकाश ,डॉ आदित्य नारायण त्रिपाठी अनूप श्रीवास्तव ,उमानाथ द्विवेदी ,पूनम सिंह ,वासुदेव मौर्य ,सत्यनारायण मौर्य ,रामजी राम ,यादव सत्यदेव मिश्रा ,दुर्गेश श्रीवास्तव ,तारकेश्वर मिश्र ,राजेंद्र ,प्रवीण गुप्ता ,खेल के क्षेत्र में वर्तिका सिंह, संपूर्णानंद बागी, रमाकांत वर्मा ,डॉ केशव प्रसाद ,सुभाष चौरसिया ,मुजम्मिल फिदा हुसैन ,आशुतोषानंद त्रिपाठी उदय नारायण सिंह आदि लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री, डॉ सम्राट अशोक मौर्य ने किया।