-विवि के मीडिया प्रभारी आशुतोष सिंह सहित 30 कर्मचारियों को अपर मुख्य सचिव ने किया सम्मानित
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में चलने वाले दो दिवसीय राज्यस्तरीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का बुधवार को समापन हो गया। किसान मेले के समापन अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे अपर मुख्य सचिव, कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी को बुके एवं स्मृति चिह्न भेंटकर कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने सभी स्टालों का भ्रमण किया और प्रशन्नता व्यक्त की। इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी सहित…….. कर्मचारी उत्कृष्ठ कार्य के लिए सम्मानित किए गए।
किसान मेले को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव, कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ले कहा कि कृषि शिक्षा से जुड़कर हम सभी एम एस स्वामीनाथन की तरह बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न के जो भी उत्पाद होंगे उसे सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी और बाजारों में सस्ते दर पर भेजने का कार्य करेगी। श्रीअन्त में ब्लडप्रेशर, शुगर और इम्युनिटी सिस्टम तेजी के साथ बढ़ता है। किसानों को बड़े पैमाने पर श्रीअन्त की खेती करनी चाहिए और इससे उनकी आय भी दोगुनी होगी। सरकारी नौकरी के अलावा व्यापार स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों को मैंने अपनी आंखों से करोडपति बनते देखा है जो आज दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आज का समय प्राकृतिक व ऑर्गेनिक खेती का है। बहजारों में दवा से मिलने वाले उत्पाद, जल प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण से कैंसर का खतरा तेजी से फैल रहा है। प्राकृतिक व ऑर्गेनिक खेती से तैयार किए गए उत्पाद ही लोग खरीदेंगे और पश्चिम से इसकी शुरुआत हो चुकी है।
मेले की अध्यक्षता कर रहे कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विजेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों के लिए 17 हजार किचेन गार्डेन सीड पैकेट बने है और इसे एक लाख तैयार किया जायेगा। विवि द्वारा संचालित केवीके को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल चुका है और वर्तमान समय में विवि 60 एकड़ एरिया में श्रीअन्न की खेती कर रहा है और बीज भी तैयार करेगा। एनआईआरएफ रैकिंग में विवि 80 से 35वें रैंक पर पहुंच गया है जो विवि परिवार के लिए गर्व की बात है। पठन-पाठन में बाधा आने पर विभिन्न पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई। उपकार के महानिदेशक डा संजय सिंह ने कहा कि उन्नत खेती के लिए किसानों को जागरूक होना जरूरी है।
किसान नई-नई तकनीकियों को अपनाकर अपनी आय को दोगनी कर सकते हैं। सरकार की योजना ओं का लाभ उठाएं। किसानों को सरकार की ओर से कई फसलों पर सब्सिडी दे रही है जिसका सभी को लाभ लेना चाहिए। किसान मेले में 14 हजार 736 किसानो ने उत्पादों का अवलोकन किया। 40 प्रगतिशील किसानों को उन्नत खेती के लिए सम्मानित कर उन्हें गेहूं के सीड भी दिए गए। किसान मेले का आयोजन अपर निदेशक प्रसार प्रो. आर. आर सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. सीताराम मिश्रा ने किया। किसान मेले के आयोजन को सफल बनाने में गठित कमेटी के सभी सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।
नृत्य-संगीत की प्रस्तुति से मेले में लगा चार चांद
-किसान मेले के समापन की पूर्व संध्या पर छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जो मेले को और खूबसूरत बना दिया। देशभक्ति गीतों व किसानी गानों का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। मेरे घर राम आए हैं.. बजा दो ढोल हमारे अतिथि आए हैं……जाने से उसके जाए बहार…. . आदि गानों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीलंका के छात्र माजरु ने साउथ इंडिया गीत की प्रस्तुति दी। इस मौके पर विद्यार्थियों ने गिटार प्लेयर्स, सौरभ शुक्ला, सिंगर, आर्यन गुप्ता, ग्रुप डांस आदि कार्यक्रम प्रस्तु किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन डा. वी.के पाल ने किया।