गोसाईगंज। बसस्टैंड गोसाईगंज की बदहाल दशा किसी भी पार्टी के नेताओं को नहीं दिखाई दे रही है। मुख्यमार्ग के समीप बना परिवहन निगम का यह कार्यालय दशकों से बदहाल है। इसे दुरुस्त कराने को लेकर कोई भी जिम्मेदार अभी तक आगे नहीं आया है। परिवहन निगम के इस कार्यालय पर बुनियादी सुविधाओं का ही टोटा है। जर्जर भवन में चल रहे इस कार्यालय परिसर में न तो यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है और न ही प्यास बुझाने के लिए हैंडपंप की व्यवस्था। मजबूरन लोगों को प्यास बुझाने के लिए आस-पास की दुकानों का सहारा लेना पड़ता है। परिसर में लगे हैंडपंप पर पानी नहीं उगलते। आस-पास लगा कूडे का ढेर लोगों को परेशान करता है।
कार्यालय गेट पर रहती है तालेबंदी
बसस्टैंड के इस कार्यालय पर अक्सर तालाबंदी देखने को मिलती है जिसका परिसर में गंदगी का सर्वत्र आलम चहुंओर देखने को मिलता है। मजबूरन यात्रियों को तिराहे पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है।
मनमानी जगहों पर रुकती हैं बसें
गोसाईंगंज में बसों के रुकने का कोई नियत स्थान नहीं है। कारण है कि परिवहन निगम के कार्यालय पर कर्मचारी की तैनाती न होने से उसकी मानीट¨रग तक नहीं होती। कार्यालय अतिक्रमण की चपेट में रहता है। यात्रियों के बैठने व खड़े होने की जगह नहीं रहती। बसों की नियत जगह पर न रुकने की एक बड़ी वजह चालकों का मनमाना रवैया भी देखने को मिलता है। परिवहन निगम कार्यालय की बदहाल स्थिति से हो रही परेशानी से क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि बसस्टाप का कायाकल्प कर लोगों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। वहां के निवासी प्रभा शंकर वर्मा दीपक कसौधन संजय गुप्ता ओम प्रकाश जायसवाल अरविंद सिंह ने कहा कि यात्री सड़क पर खडे होकर बस का इंतजार करते हैं। यात्रियों को टिकट मिलना दूर, बैठने व पेयजल की सुविधा भी परिवहन निगम नहीं उपलब्ध करा सका। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय पराग ने कहा कि गोसाईंगंज से परिवहन निगम को लाखों की आय प्रतिमाह होती है, लेकिन सुविधा के नाम पर कार्यालय में तालाबंदी कर दी गई है। आशीष गुप्ता ने कहा कि बसस्टैंड का कायाकल्प कराकर लोगों को बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि सड़क पर खड़े होकर जब बसों को रोकवाया जाता है तो वे रुकती ही नहीं है। बसों के रुकने का नियत स्थान चिह्नित करना चाहिए।