मण्डलायुक्त ने चीनी मिल मोतीनगर के अध्यासी को पेराई सत्र 2021-22 के बकाया गन्ना मूल्य एवं विकास अंशदान के भुगतान के दिये निर्देश
अयोध्या। सूबे के मख्यमंत्री द्वारा त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान हेतु दिये गये निर्देशों के क्रम में गन्ना विकास विभाग ने भुगतान के मुद्दे पर सख्त रूख अपना लिया है। इसी क्रम में मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा द्वारा चीनी मिल मोतीनगर के अध्यासी, महाप्रबन्धक (गन्ना) एवं उप गन्ना आयुक्त की उपस्थिति में अपने कार्यालय में समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त द्वारा चीनी मिल मोतीनगर को तत्काल बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान कृषकों के खाते में किये जाने का निर्देश दिया गया। साथ ही साथ गन्ना विभाग को प्राप्त होने वाले विकास अंशदान का भी त्वरित भुगतान कराये जाने के निर्देश दिये गये। चीनी मिल मोतीनगर द्वारा अवगत कराया गया कि अबतक पेराई सत्र 2021-22 में कुल देय गन्ना मूल्य अंकन रू. 410.82 करोड़ के सापेक्ष अंकन रू. 301.39 करोड़ का भुगतान कराया जा चुका है, जो कुल के सापेक्ष 73.36 प्रतिशत है तथा अवशेष भुगतान तत्काल कराये जाने की कार्ययोजना तैयार करा ली गई है। जल्द ही अवशेष समस्त गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना कृषकों को करा दिया जायेगा।
अध्यासी द्वारा गन्ना विकास विभाग को देय विकास अंशदान का भी जल्द ही भुगतान करने का आश्वासन मण्डलायुक्त को दिया गया। उल्लेखनीय है कि चीनी मिल मोतीनगर द्वारा कुल गन्ना कृषकों 66239 के सापेक्ष 61625 कृषकों को गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। मण्डलायुक्त द्वारा उप गन्ना आयुक्त के स्तर से उपलब्ध कराई गई सूचना का अवलोकन करने पर कहा गया कि चीनी मिल मोतीनगर द्वारा लगभग 13.36 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है, जिसमें 30 अप्रैल 2022 को 11.67 लाख कुन्टल चीनी मिल अवशेष है। उत्पादित चीनी के सापेक्ष सी.सी.एल. 190 करोड़ ही स्वीकृत कराई गई है।
इससे स्पष्ट हो रहा कि चीनी मिल सी.सी.एल. पर ब्याज देने से बचना चाहती है, जबकि गन्ना कृषकों को भुगतान न देकर ब्याज कमाना चाहती है। इस पर मण्डलायुक्त द्वारा चीनी मिल को आडे हाथ लिया है तथा रोष व्यक्त करते हुए उनके द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना को सिरे से खारिज कर तत्काल भुगतान करायें जाने के निर्देश दिये हैं।