लॉक डाउन होलिस्टिक टेली कंसल्टेशन सेवा
अयोध्या । विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल से पूर्वान्ह 11-2 बजे होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ व सायं 5-7बजे तक आरोग्य भारती द्वारा चिकित्सकों की सहमति पर सूची जारी कर लॉक डाउन पीरियड में आमजन को निशुल्क होलिस्टिक टेलीकन्सल्टेशन सेवा निरन्तर है जिसमे होम्योपैथी, आयुर्वेद व एलोपैथी के चिकित्सक प्रतिदिन जनता को मोबाइल पर स्वास्थ्य परामर्श प्रदान कर रहे हैं। सेवा का संचालन कर रहे डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया डा आई एन बनर्जी, डा आशुतोष राय, डा जीसी पाठक,डा योगेश, डा हर्षित, डा अवनीश पांडेय, डा पी के पांडेय, डा कुलदीप, सहित कुल 19 चिकित्सकों द्वारा लॉक डाउन 2 के बाद 17 अप्रैल से 25 अप्रैल तक 438 लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं सुनकर उनको परामर्श दिया गया। डा इंद्रनील बनर्जी ने बताया ज्यादातर लोग व्यक्तिगत पुरानी समस्याओं के साथ कोरोना से सम्बंधित मिथकों पर भी प्रश्न करते हैं ।डा जी सी पाठक सेवा के बाद मास्क वितरण व जागरूकता के लिये भी समय देते हैं। पिछले कुछ दिनों से पाइल्स से सम्बंधित प्रश्न आने पर डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया लॉक डाउन काल मे शारीरिक श्रम कम होने, दिनचर्या, खानपान के तरीकों में बदलाव व नकारात्मक समाचारों से बीमारी का भय व अनिश्चितता के कारण भी हमारी पाचनक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। लम्बे समय तक कब्ज होने से पाइल्स का पुराना रोग या नए लक्षण उभर सकते हैं,गुदा द्वार के आस पास की शिराएं फूल जाती हैं जिससे पाखाने के समय जलन व दर्द होता है इसे वादी बवासीर कहते हैं ,अथवा कड़ी या सूखी दस्त होने पर अंदर की परत छिल जाने से फिशर बन सकता है, या शिराओं से खून आ सकता है तो यह खूनी बवासीर कहलाती है।
डा त्रिपाठी ने बताया यह जीवनशैली से जुड़ा सर्जिकल रोग है अतः स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है। परिवार में स्वस्थ संवाद, शारीरिक श्रम, व्यायाम, करें फाइबर युक्त हल्का भोजन, पर्याप्त मात्रा में पानी, पियें, सलाद , दोपहर में छाछ लेना उचित रहेगा। चिकित्सक की बताई दवाओं के साथ दिनचर्या में सुधार शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दे सकता है।